पीएम मोदी ने अपने जन्मदिन पर लॉन्च की ‘प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना’

पीएम मोदी ने अपने जन्मदिन पर लॉन्च की ‘प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना’

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर, नई दिल्ली में रविवार को विश्वकर्मा जयंती पर 13 हजार करोड़ की ‘प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना’ लॉन्च की। उन्होंने यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में 18 विश्वकर्माओं को प्रमाण पत्र दिए। इसमें मप्र की अनीता प्रजापति कुम्हार भी शामिल हैं। देश भर के कारीगरों व शिल्पकारों को उन्होंने ‘विश्वकर्मा’ कहकर संबोधित किया और कहा कि जैसे शरीर में रीढ़ की हड्डी की भूमिका होती है, वैसे ही विश्वकर्मा लोगों की समाज में महत्वपूर्ण भूमिका है। यह योजना उन लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के लिए आशा की किरण है, जो हाथों और औजारों से काम करते हैं। पीएम ने कहा कि दुनिया कितनी भी आगे बढ़ जाए और प्रौद्योगिकी कहीं भी पहुंच जाए, लेकिन इनकी भूमिका हमेशा बरकरार रहेगी।

किनको मिलेगा फायदा

कारपेंटर, लोहार, कुम्हार, सुनार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, ताला और नाव बनाने वाले, हथौड़ा और टूलकिट बनाने वाले, नाई, घोबी, दर्जी, मछली का जाल बनाने वाले, टोकरी, चटाई, झाड़ू बनाने वाले, गुड़िया और खिलौने बनाने वाले।

क्या होगा फायदा

योजना के अंतर्गत स्किल स्कीम में बेसिक, एडवांस ट्रेनिंग के दौरान रोज 500 रुपए का स्टायपेंड मिलेगा। टूल्स खरीदने के लिए 15 हजार रुपए और कुल तीन लाख तक का लोन मिल सकेगा।

शिल्पकार हमारे आधुनिक विश्वकर्मा : शिवराज

इधर, भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद थे। सीएम ने कहा कि बढ़ई, लोहार व सुनार जैसे शिल्पकार एवं कारीगर भाई हमारे लिए आधुनिक विश्वकर्मा हैं। कार्यक्रम में बैतूल की अंकिता, सपना कुशवाहा, ग्वालियर के हेमंत राठौर तथा भोपाल के विवेक साहू सहित 20 प्रशिक्षणार्थियों को सम्मानित किया गया।

कॉन्फ्रेंस टूरिज्म के लिए यशोभूमि का पहला चरण राष्ट्र को समर्पित: मोदी ने सम्मेलन आधारित पर्यटन (कॉन्फ्रेंस टूरिज्म) के महत्व पर जोर दिया। पीएम ने अपने जन्मदिन पर इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर के पहले चरण को राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा कि भारत मंडपम और यशोभूमि भारत के आतिथ्य, श्रेष्ठता और उसकी भव्यता के प्रतीक बनेंगे।

यशोभूमि की खासियत

  • यशोभूमि को लगभग 5,400 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया गया है। 
  • यहां विश्व-स्तरीय बैठक, सम्मेलन और प्रदर्शनियों की मेजबानी की जा सकेगी।
  • 73 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में बने सेंटर में 15 कन्वेंशन रूम हैं। 
  • मुख्य सभागार, भव्य बॉलरूम और 11,000 प्रतिनिधियों के बैठने की कुल क्षमता वाले 13 कक्ष। 
  • मुख्य सभागार में करीब 6000 लोगों के बैठने की क्षमता है।