पीएचई कर्मचारियों ने निजी ऑपरेटर से मिलकर 16.50 करोड़ का किया घपला

पीएचई कर्मचारियों ने निजी ऑपरेटर से मिलकर 16.50 करोड़ का किया घपला

ग्वालियर। पीएचई विभाग के पंप ऑपरेटर और कम्प्यूटर ऑपरेटर सहित तीन लोगों ने मिलकर 16 करोड़ 42 लाख 13 हजार 33 रुपए का गबन किया। यह लोग कर्मचारियों की सैलरी अपने रिश्तेदारों के खाते में डलवाते रहे। यह पिछले चार साल से गबन कर रहे थे। लेकिन हैरानी की बात यह है कि विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने इसकी खोज खबर तक नहीं ली, जबकि वेतन निकलता है तो ओटीपी इन अधिकारियों के पास ही पहुंचती है। इसके बाद भी अधिकारी लापरवाह बने रहे। अब राज खुला तो क्राइम ब्रांच थाने में पंप ऑपरेटर कम्प्यूटर ऑपरेटर सहित तीन लोगों पर धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

पीएचई में स्थापना प्रभारी हीरालाल (पंप ऑपरेटर) कर्मचारियों के वेतन भुगतान सहित अन्य स्वत्वों का भुगतान अपने निजी कम्प्यूटर ऑपरेटर राहुल आर्य के सहयोग से करता है। इन दोनों ने मिलकर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग खंड क्रमांक एक में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन भत्ते एवं अन्य स्वत्वों की राशि 16 करोड़ 42 लाख 13 हजार 33 रुपए अपने रिश्तेदारों के खातों में डलवा दिए।

71 लोगों के बैक खातों में पहुंची रकम

गबन का यह खेल 2018- 19 से चल रहा था। हीरालाल और राहुल आर्य ने मिलकर अपने रिश्तेदार और परिचितों के करीब 71 खातों में कर्मचारियों का वेतन डलवाया गया, यह खाते पीएनबी, एसबीआई में हैं। किसके खाते में कितनी रकम गई उसकी सूची भी पुलिस के पास पहुंच गई है।

इन लोगों पर हुई FIR

क्राइम ब्रांच थाने में तानसेन रोड हजीरा निवासी संजय सिंह सोलंकी की शिकायत पर हीरालाल, राहुल आर्य और एक अन्य के खिलाफ धारा 420, 406, 409 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

धमकी से डर कर भागा ऑपरेटर, पुलिस ने हरिद्वार से पकड़ा

इस गबन में शामिल कम्प्यूटर ऑपरेटर राहुल आर्य का पता चला है कि यहां उसे खतरा हो सकता है उसे धमकी भी मिल रही थी तो वह डर कर ग्वालियर से भाग गया। लेकिन पुलिस ने उसे ढूंढ निकाला और हरिद्वार से पकड़ लिया। रोहित का कहना है कि पीएचई के अधिकारी संजय सोलंकी उसे घर नहीं जाने दे रहे थे, उसे जबरदस्ती ऑफिस में रोक रखा था, इसलिए यह वहां से भाग गया था, इसे लग रहा था कि ये लोग उसे मरवा देंगे। हीरालाल ने उसे 5-6 दिन पहले घर पर जाकर रात को करीब 2 बजे कहा था कि पूरा मामला अपने ऊपर ले लो नहीं तो फिर मैं तुमको देखता हूं, हीरालाल आर्य उसका मौसा है।