भारत को इस्लामिक बनाने की दिशा में बढ़ रहा था PFI
नई दिल्ली। पॉपुलर फ्रंट आॅफ इंडिया (पीएफआई) ने भारत को 2047 तक इस्लामिक राज्य बनाने की नापाक मंशा पाली है, वहीं आईएस जैसे वैश्विक आतंकी संगठन भी कई तरह से इस मंशा को आगे बढ़ाने में मदद कर रहे हैं। एनआईए ने पीएफआई से जुड़े 68 आरोपियों के खिलाफ जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें खुलासा हुआ है कि वे लोग एक खतरनाक रणनीति के जरिए अपने मकसद को पूरा करने में जुटे थे। इसके लिए अलग-अलग विंग गठित की गई थी। एक अन्य चार्जशीट में क्रिप्टो-बीटेक-आईईडी गठजोड़ का भी पता चला है। आईएस द्वारा अपने गुर्गों को विदेश से क्रिप्टो करेंसी के जरिए फंड ट्रांसफर किया जा रहा है। आईएस के इशारे पर बीटेक योग्यता वाले कट्टरपंथी युवा, आईईडी तैयार कर रहे हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा शुक्रवार को दो अलग केसों में दाखिल की गई चार्जशीट के मुताबिक, केरल और तमिलनाडु में पीएफआई के 68 कार्यकर्ता भारत को इस्लामिक राज्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे थे। एनआईए द्वारा पीएफआई केस में दायर की गई चार्जशीट की संख्या चार हो गई है।
युवाओं को कट्टरपंथ की राह में धकेलने का आरोप
पीएफआई कार्यकर्ता, मुस्लिम युवाओं को बरगलाकर उन्हें कट्टरपंथ की राह पर ले जा रहे थे। इसके लिए उन्हें हथियारों की ट्रेनिंग से लेकर आईईडी बनाने, आतंकी हमला करने और फंड जुटाने का प्रशिक्षण दिया गया था। केरल में पेश की गई चार्जशीट में पीएफआई कैडर द्वारा पलक्कड निवासी श्रीनिवासन की नृशंस हत्या किए जाने का भी उल्लेख है। एनआईए ने सौ से ज्यादा ठिकानों पर रेड की थी। करीब 17 ऐसी प्रॉपर्टी अटैच की गईं, जिनका संबंध आतंकवाद से रहा है। जांच के दौरान 18 बैंक खाते भी फ्रीज किए गए थे। देश के एक बड़े हिस्से में हिंसा और जिहाद फैलाने की साजिश रची गई। इसका मकसद 2047 तक भारत को इस्लामिक स्टेट बनाना था।
आतंकवादी फंडिंग के मामले में 8 जगहों पर की छापेमारी
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने 2016 में राष्ट्रविरोधीह्व प्रदर्शनों का चेहरा रहे मौलवी सरजन बरकती द्वारा चंदा वसूलने और व्यक्तिगत लाभ के लिए उक्त राशि का इस्तेमाल करने से जुड़े एक मामले में शनिवार को आठ जगहों पर छापेमारी की। जम्मू-कश्मीर पुलिस के अपराध जांच विभाग की सहायक शाखा एसआईए ने चंदा जुटाने और राष्ट्र-विरोधी भाषणों की जांच के सिलसिले में इस साल की शुरूआत में बरकती के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अधिकारियों के अनुसार, आरोप है कि संदिग्ध आतंकवादी स्रोतों के जरिये चंदे के माध्यम से 1.5 करोड़ रुपए जुटाए गए।