15 साल तक के 62 बच्चों में से 39 के दिल में छेद
जबलपुर। संभाग में दिल की बीमारी से पीड़ित संदिग्ध बच्चों की स्क्रीनिंग में 39 बच्चे ऐसे मिले हैं, जो कि दिल में छेद की बीमारी से पीड़ित पाए गए हैं। यह खुलासा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिला अस्पताल में लगाए गए कैंप में ईको टेस्ट के बाद हुआ है। 2 माह से लेकर 15 साल तक के 62 बच्चों का ईको टेस्ट जबलपुर में किया गया। इन पीड़ित बच्चों को राहत दिलाने के लिए इनकी सर्जरी अब मुबंई के नारायणा हॉस्पिटल में की जाएगी।
वैसे सामान्य रूप से एक हजार बच्चों में से करीब 8 से 10 बच्चे हृदय में छेद की बीमारी से पीड़ित सामने आ रहे है। मुंबई से आई पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रिया प्रधान ने बताया कि बीमारी से राहत दिलाने के लिए 80 फीसदी पीड़ितों की सिंगल स्टेज सर्जरी होती है। वहीं, 20 फीसदी मरीज ऐसे होते है, जिन्हें मल्टी स्टेज सर्जरी की आवश्यकता होती है।
इस तरह की बीमारी के तीन प्रमुख कारण हैं। पहला दवाओं का साइड इफेक्ट, दूसरा मां को रूबेला बीमारी हुई हो और तीसरा हाई डायबिटीज या जन्मजात ऐसी बीमारी होना। हालांकि, सिंगल स्टेज सर्जरी से यह ठीक हो जाता है। - डॉ. प्रिया प्रधान, पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट