10 प्रतिशत से ज्यादा बिलो रेट टेंडर पर एक्स्ट्रा परफॉरमेंस गारंटी लेने के आदेश नहीं हुए जारी

10 प्रतिशत से ज्यादा बिलो रेट टेंडर पर एक्स्ट्रा परफॉरमेंस गारंटी लेने के आदेश नहीं हुए जारी

ग्वालियर। नगरीय निकायों में ठेकेदारों द्वारा विकास कार्यों को अनवर्केबल रेटों पर लेने से रोकने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग ने एक माह पहले पहल की थी। जिसके चलते प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने आदेश जारी कर एसओआर से 10 प्रतिशत से ज्यादा बिलो रेट वाले टेंडरों पर अंतर की राशि एक्स्ट्रा परफॉरमेंस गारंटी के रूप में जमा कराने के निर्देश दिए थे। लेकिन निगम में आए नए पत्र पर अभी आदेश जारी नहीं हुए हैं।

मध्यप्रदेश के 52 जिलों में 16 नगर पालिका निगम, 98 नगर पालिका परिषद व 294 नगर परिषद होने पर प्रतिवर्ष हजारों करोड़ के विकास कार्य करवाए जाते है, लेकिन बिलो रेट पर टेंडर लेने के बाद ठेकेदार द्वारा अनुबंध न करने, काम में जानबूझकर देरी करने, गुणवत्ताहीन कार्य करने सहित अन्य शिकायतें बड़े पैमाने पर आती हैं। जिसके पीछे की खोजबीन में सबसे बड़ा कारण ठेकेदारों द्वारा टेंडर हासिल करने के लिए अनवर्केबल रेट पर ठेके लेना बताया गया, जिसके बाद प्रमुख सचिव द्वारा बिलो रेट पर काम रोकने के लिए एक्स्ट्रा परफॉरमेंस सिक्योरिटी लेने का प्रावधान किया। जिसमें अव्यवहारिक दरें प्राप्त होने पर सफलतम निविदाकार (एल-1) से प्राप्त निविदा राशि व एसओआर से 10 प्रतिशत कम की निविदा राशि के अंतर की राशि एक्स्ट्रा परफॉरमेंस गारंटी के रूप में लिया जाना प्रावधानित है।

प्रतिशत में जमा नहीं होगी राशि

अभी तक ठेकेदारों द्वारा अंतर की राशि को प्रतिशत के हिसाब से एफडी के रूप में जमा किया जाता था, लेकिन अब 10 प्रतिशत से ज्यादा बिलो रेट पर काम लेने के एवज में पूरी राशि आरटीजीएस के रूप में निगम के खाते में जमा करना होगी और ऐसे में ठेकेदार द्वारा बड़ी राशि के टेंडर लेने पर अपने खाते से आरटीजीएस करना आसान नहीं होगा।

10 की जगह 15 प्रतिशत से ज्यादा पर ले रहे गारंटी

भले ही निगम में एक माह पहले आए नए आदेश के बाद ठेकेदारों को राशि आरटीजीएस करनी है। ऐसे में ठेकेदार द्वारा अभी तक एक एफडी से कई कई ठेके लेने पर लगाम लगेगी और बड़े ठेकेदार मुश्किल से कुछ टेंडर ही हासिल कर पाएंगे। हालांकि अभी निगम में 15 प्रतिशत से ज्यादा बिलो रेट वाले टेंडर पर एक्स्ट्रा पर परफॉरमेंस गारंटी ली जा रही है, लेकिन ठेकेदारों के दबाव में 10 प्रतिशत से ज्यादा पर परफॉरमेंस गारंटी लेने के आदेश जारी नहीं हो पाए हैं।

इन बिन्दुओं का करना होगा पालन

  • अतिरिक्त परफॉरमेंस गारंटी की राशि का स्पष्ट उल्लेख टेंडर में हो।
  • अतिरिक्त परफॉरमेंस गारंटी जमा होने पर उसका परीक्षण बैंक से होने पर ही अनुबंध हो।
  • अनुबंध की अनदेखी पर टेंडर की बीडी राजसात कर ठेकेदार को 2 साल के लिए ब्लैक लिस्टेड करें।
  • अनवर्केबल रेट मिलने पर कार्यों की गुणवत्ता देखकर मापदंड का पालन कराए।
  • ठेकेदारों को पीडब्ल्यूडी की लिस्ट से चेककर ब्लैक लिस्टेड होने का मिलान करें।

भोपाल से आदेश आ चुका है, लेकिन अभी इसके पालन के लिए गाइड लाइन तय निगमायुक्त को करना है। सुरेश अहिरवार,सीसीओ