इजराइल से 18 हजार भारतीयों की वापसी के लिए ऑपरेशन ‘अजय
फिलिस्तीन का दावा- इजराइल ने दागा फास्फोरस बम
नई दिल्ली। भारत 18 हजार भारतीयों की इजराइल से वापसी सुनिश्चित करने के लिए ‘ऑपरेशन अजय’ शुरू कर रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को यह घोषणा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर की। इसके तहत पहली μलाइट गुरुवार को रवाना हो सकती है। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब हमास आतंकियों और इजराइल के बीच पांचवें दिन भी सैन्य संघर्ष जारी रहा। इन हेल्पलाइन पर करें संपर्क: इससे पहले इजराइल में भारतीय दूतावास ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए। भारतीय लोग मदद के लिए +972-35226748 और +972-543278392 नंबर पर कॉल कर सकते हैं। cons1.telaviv@mea.gov.in पर भी संपर्क किया जा सकता है। भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों को आश्वस्त किया है कि उसकी स्थिति पर पैनी नजर है। एयरलाइंस ने कैंसिल की μलाइट्स: इजराइल में बिगड़ते हालात को देखते हुए अमेरिकन एयरलाइंस ने 4 दिसंबर तक अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं। ब्रिटिश एयरवेज, एयर कनाडा, एयर फ्रांस, लुμथांसा, एयर कनाडा और डेल्टा एयरलाइंस ने भी अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं।
1200 इजराइली, 900 फिलिस्तीनियों की मौत
इजराइल और हमास की जंग में अब तक 2,150 लोगों की मौत हुई है। इनमें से करीब 1,200 इजराइली हैं। वहीं अब तक करीब 950 फिलिस्तीनियों ने भी जान गंवाई है। गाजा पर इजराइल के हमले में यूएन के 11 कर्मचारी मारे गए हैं।
उत्तरी इजराइल में लेबनान से ‘दुश्मन का विमान’ घुसा:
इजराइली सेना ने कहा कि बुधवार रात लेबनान से दुश्मन का विमान दाखिल हुआ जिसके बाद उत्तरी इजराइली में सायरन से चेतावनी दी गई ।
इजराइल हुआ एकजुट, बनी यूनिटी गवर्नमेंट
इजराइल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और शीर्ष विपक्षी नेता ने यूनिटी गवर्नमेंट बनाने का एक समझौता बुधवार को किया। नेशनल यूनिटी पार्टी के नेता बेनी गैंट्ज ने इसकी जानकारी दी। गैंट्ज पूर्व में इजराइल के रक्षामंत्री और इजराइल रक्षा बल के प्रमुख की भूमिका निभा चुके हैं। वे पांच सदस्यीय ‘युद्ध प्रबंधन’ मंत्रिमंडल का गठन करेंगे। इसमें नेतन्याहू, गैंट्ज, मौजूदा रक्षामंत्री योआव गैलेंट और दो सेवारत शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे।
पूरी ऑक्सीजन सोख लेता है फास्फोरस बम
फिलिस्तीन की न्यूज एजेंसी ‘वाफा’ के मुताबिक, इजराइली सेना ने गाजा से लगे हुए अल-करामा शहर पर प्रतिबंधित फास्फोरस बम का इस्तेमाल किया। ये बम जिस इलाके में गिरते हैं, वहां ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है। इससे आग लग जाती है और लोगों का दम घुट जाता है। इसके कण इतने छोटे होते हैं कि मानव शरीर में घुस जाते हैं। इनके संपर्क में आने से तेज जलन होती है और कुछ देर में मौत हो जाती है। यह बम जेनेवा कन्वेंशन के तहत प्रतिबंधित है।