देश में दिव्यांगों के लिए सिर्फ 6% बसों में हैं पूरी सुविधाएं
नई दिल्ली। देश में हजारों ऐसे दिव्यांग हैं, जो किसी तरह घर से निकलकर काम पर जाते हैं। इसके लिए आम लोगों की तरह वो पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि ये उनका सौभाग्य होता है कि उनके लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट में कोई सुविधाएं मिलें। इसे लेकर एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है, जिसमें बताया गया है कि देशभर में चलने वाली 1.4 लाख से ज्यादा सार्वजनिक परिवहन बसों में महज 6 फीसदी ही ऐसी बसें हैं जिनमें दिव्यांगों के लिए पूरी सुविधाएं हैं। सामाजिक न्याय और अधिकारिता पर संसदीय स्थायी समिति की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में चलने वाली कुल पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बसों (1.4 लाख) में 42 हजार यानी करीब 29 फीसदी दिव्यांगों के लिए आंशिक तौर पर सुलभ हैं। वहीं महज 8,695 को पूरी तरह सुलभ बताया गया।
ट्रांसपोर्ट में सुविधाएं देने हर बार बढ़ाई जा रही डेडलाइन
हर बार दिव्यांगों के लिए तमाम सुविधाओं वाले पब्लिक ट्रांसपोर्ट की डेडलाइन तय की जाती है, लेकिन हर बार इस डेडलाइन को बढ़ा दिया जाता है। सुगम्य भारत अभियान (एआईसी) के तहत तय की गई डेडलाइन के मुताबिक देश में सरकार की तरफ से चलाई जाने वाले 25 फीसदी सार्वजनिक परिवहन की बसों को जून 2022 तक पूरी तरह से दिव्यांगों के लिए सुलभ बनाया जाना था, लेकिन बाद में इसे 2024 तक बढ़ा दिया गया। यानी दिव्यांगों के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करना अब भी बेहद मुश्किल और खतरनाक है।
सरकारी भवनों में भी सुविधाएं देने की योजना
दिव्यांगों को सुविधाएं देने और उनके हितों को लेकर सुगम्य भारत अभियान (एआईसी) की दिसंबर 2015 में शुरुआत की गई थी। एआईसी की रिपोर्ट के मुताबिक इसके लक्ष्यों की डेडलाइन को 2024 तक बढ़ा दिया गया है, इसके मुताबिक 30 सितंबर 2022 तक केंद्र सरकार के 1100 भवनों को दिव्यांगों के लिए सुलभ बनाया गया है। हालांकि राज्यों की हालत इसमें खराब है। राज्यों में सैकड़ों सरकारी दफ्तरों में दिव्यांगों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। इनके लिए केंद्र सरकार की तरफ से फंड भी दिया जा रहा है।