ऑनलाइन टोकन मैनेजमेंट सिस्टम शुरू, दो दिन में 4 आवेदन आए

ऑनलाइन टोकन मैनेजमेंट सिस्टम शुरू, दो दिन में 4 आवेदन आए

ग्वालियर। जीवाजी विवि से संबद्ध जिले के अलावा भिंड, मुरैना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, गुना में संचालित शासकीय और अशासकीय कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है कि विवि ने 26 जनवरी से ऑनलाइन टोकन मैनेजमेंट सिस्टम शुरू कर दिया है, इसलिए छात्रों को नाम करेक्शन, नामांकन नंबर में सुधार और रुके हुए परीक्षा परिणामों में सुधार के लिए विवि नहीं आना पड़ेगा। छात्र अपने जिले में स्थित एमपी ऑनलाइन के कियोस्क सेंटर के जरिए समस्या के निराकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। सुविधा का लाभ लेने के लिए छात्रों को 10 रुपए देना होंगे।

छात्रों को समस्या से संबंधित दस्तावेज स्कैन करके अपलोड करना होंगे। इसके लिए अलग से चार्ज देना होगा। ऑनलाइन सिस्टम की अच्छी बात यह है कि आवेदन किस स्थिति में है, छात्र यह ट्रैक कर सकेंगे। अगर आवेदन सुनवाई में नहीं लिया गया है तो छात्र विवि के अधिकारी से बात भी कर सकेंगे। दो दिन में सिर्फ 4 आवेदन आए हैं। इसके पीछे मुख्य कारण छुट्टी के दिन होना है। विवि में समस्या के निराकरण के लिए हर दिन 100 से अधिक छात्र पहुंचते हैं।

फीस भी ऑनलाइन जमा कर सकेंगे

विवि और कॉलेज के छात्रों को रीओपनिंग, रीटोटंलिंग के अलावा अन्य प्रकार की फीस चालान के बजाए ऑनलाइन जमा कर सकेंगे। यह व्यवस्था भी 26 जनवरी से शुरू हो गई है। दस दिन तक फीस सेंट्रल बैंक के चालान और एमपी ऑनलाइन के फीस लिंक से जमा की जा सकेगी। 5 फरवरी से सिर्फ एमपी ऑनलाइन के जरिए ही जमा होगी।

किराया बचाने के लिए बस स्टैंड पर रुकते थे

अंचल के कॉलेजों से परीक्षा संबंधी समस्या के निराकरण के लिए आने वाले छात्रों को कर्मचारी दो दिन बाद आने की बोले देते थे। बार-बार आने-जाने में किराया खर्च होगा, इसे लेकर छात्र रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर रात की गुजारते थे। साथ ही ऑनलाइन सिस्टम के शुरू होने पर छात्रों को काम करने के लिए कर्मचारी को अलग से पैसे नहीं देना पड़ेंगे।

छात्रों को परीक्षा संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए विवि नहीं आना पड़े, इसके लिए ऑनलाइन टोकन मैनेजमेंट सिस्टम शुरू कर दिया गया है। छात्र एमपी ऑनलाइन के कियोस्क सेंटर से आवेदन कर सकेंगे। प्रो. अविनाश तिवारी, कुलपति जेयू