हर दो में से एक भारतीय नॉन वेजिटेरियन : एनएफएच सर्वे
नई दिल्ली। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 (2019-21) के अनुसार, 57.3 प्रतिशत पुरुष और 45.1 प्रतिशत महिलाएं सप्ताह में कम से कम एक बार चिकन, मछली या अन्य प्रकार की नॉन वेजिटेरियन डिशेज का आनंद लेते हैं। यह आंकड़ा शहरी क्षेत्रों में गांव में रहने वाले लोगों की तुलना में अधिक है। शहरी क्षेत्रों में लगभग 60 प्रतिशत पुरुष और 50.8 प्रतिशत महिलाएं सप्ताह में कम से कम एक बार किसी न किसी तरह का मांस खाते हैं। मांसाहार खाने वालों की सबसे ज्यादा आबादी पूर्वी, दक्षिणी और पश्चिमी भारत में है। गोवा, केरल, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश में 80 प्रतिशत से अधिक पुरुष आबादी सप्ताह में कम से कम एक बार मछली, चिकन या अन्य तरह के मांस का सेवन करते हैं। महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, ओडिशा और तमिलनाडु में 50 प्रतिशत से अधिक पुरुष आबादी साप्ताहिक रूप से मांसाहारी भोजन का आनंद लेती है। भारत मांस के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के अनुसार, भारत से भैंस के मीट का निर्यात 71 देशों में होता है। पिछले वर्ष 25,648 करोड़ रु. का भैंस का मांस निर्यात किया गया।
मांसाहार में ईसाइयों की संख्या सबसे ज्यादा
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 (2019-21) के अनुसार किसी भी अन्य धर्म के लोगों की तुलना में ईसाई अधिक मांसाहारी भोजन का सेवन करते हैं। लगभग 80 प्रतिशत ईसाई पुरुष और 78 प्रतिशत ईसाई महिलाएं सप्ताह में कम से कम एक बार मांसाहारी भोजन का सेवन करते ही हैं। इसकी तुलना में केवल 79.5 और 70.2 प्रतिशत मुस्लिम पुरुष और महिलाएं और 52.5 व 40.7 प्रतिशत हिंदू पुरुष और महिलाएं मांसाहारी भोजन खाती हैं।