IGRMS की तरफ से लाल किले की दीवारों पर मप्र के कलाकारों ने उकेरे भील और गोंड चित्र

IGRMS की तरफ से लाल किले की दीवारों पर मप्र के कलाकारों ने उकेरे भील और गोंड चित्र

मप्र के जनजातीय कलाकारों को अपनी कला को फिर एक बार नेशनल व इंटरनेशनल लेवल पर दिखाने का मौका मिला है। नई दिल्ली स्थित लाल किले के बैरक नंबर-4 में आयोजित इंडिया आर्ट आर्किटेक्चर एंड डिजाइन बीएनेल के अंतर्गत देशज नामक प्रदर्शनी का आयोजन 8 से 15 दिसंबर तक किया जाएगा, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी 8 दिसंबर को करेंगे। भोपाल सहित मप्र- छग से 8 कलाकार यहां अपनी भील, गोंड चित्रकारी को स्थायी तौर पर इस बैरक की दीवारों पर उकेर रहे हैं। वे 28 नवंबर से सुंदर मिथकीय चित्रों को लाल किले के अंदर बना रहे हैं और उनका यह कार्य 7 दिसंबर तक चलेगा। इन कलाकारों में पद्मश्री दुर्गा बाई व्याम भी शामिल हैं। वहीं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय(आईजीआरएमएस) द्वारा आयोजित करो और सीखो संग्रहालय शैक्षणिक कार्यक्रम की प्रतिभागी इशिता निमजे और अन्य 150 कलाकारों की बनाई हुई कलाकृतियों को यहां मंच प्रदान किया गया है। सभी कलाकार अपनी कला को यहां अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं।

प्रेमा फात्या, जनगण सिंह के चित्र भी होंगे प्रदर्शित

इंडिया आर्ट आर्किटेक्टर एंड डिजाइन बीएनेल में भोपाल का इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय अपने कलेक्शन से बड़ी-बड़ी जनजातीय पेंटिंग्स लेकर नई दिल्ली पहुंच रहा है, जहां देश-दुनिया से आने वाले दर्शकों व कलाकारों को मप्र-छग की जनजातीय पेंटिंग्स देखने का मौका मिलेगा। अनुभव नाथ की क्यूरेटरशिप में संग्रहालय के सहायक क्यूरेटर डॉ. सूर्य कुमार पांडे के द्वारा देशज नामक प्रदर्शनी का संयोजन किया जा रहा है, जिसमें जनजाति चित्रकारों जैसे जिव्या सोमा मासे, जनगण सिंह श्याम, प्रेमा फत्या , यशोदा देवी,मणिमाला चित्रकार आदि की वारली, गोंड, पिथौरा, भील, मधुबनी, गोदना, कलमकारी स्क्रॉल पेंटिंग प्रदर्शित की जाएगी। आर्ट और क्रॉफ्ट में भारत भर से संकलित पानी पीने के लोटे, उत्तर- पूर्व के कोन्याक नागा जनजाति के नक्काशी युक्त कुर्सियां, बेल्ट मेटल की मूर्तियां आदि कई अन्य प्रादर्श को प्रदर्शित किए जाएंगे।

मानव संग्रहालय की तरफ से गए कलाकार

लाल किले के बैरक नंबर-4 में शेर सिंह , छोटी टेकाम, सरोज व्याम, दुर्गा बाई व्याम, सुखनंदी व्याम, सुशीला मरावी, सुभाष सिंह व्याम, पंडित राम रजवार अपनी कला को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। राम रजवार ने बताया कि रजवार कला छत्तीसगढ़ के सरगुजा की कला है, जिसमें मिट्टी से शिल्प तैयार करते हैं। मैं इससे एक जालीदार फ्रेम तैयार कर रहा हूं।

सात अलग-अलग विषयों पर प्रदर्शनी

इंडिया आर्ट आर्किटेक्टर एंड डिजाइन बीएनेल के अंतर्गत देशज नमक प्रदर्शनी के साथ ही सात और प्रदर्शनियों का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 दिसंबर को किया जाएगा । इसमें भारत की सांस्कृतिक विरासत के विविध पहलुओं को आकर्षक रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। संस्कृति मंत्रालय को 260 प्रस्तुतियां प्राप्त हुईं, जिनमें से 150 प्रविष्टियां चुनी गईं और वे आयोजन स्थल पर प्रदर्शित की जाएंगी। -अशोक शर्मा, क्यूरेटर, मानव संग्रहालय