तीन माह से लड़खड़ा रहीं बूढ़ी आवाजें, राहत नहीं...!

तीन माह से लड़खड़ा रहीं बूढ़ी आवाजें, राहत नहीं...!

इंदौर। कलेक्टोरेट में होने वाली जनसुनवाई में हर बार की तरह इस बार राहत की उम्मीद पाले 200 से अधिक आवेदक पहुंचे। तुलनात्मक रूप से पुलिस मुख्यालय में महज 18 फीसदी यानि महज 35 नागरिक ही पहुंचे। कलेक्टर के समक्ष ज्यादातर शिकायतें अवैध कब्जा, संपत्ति विवाद की रहीं, वही जनसामान्य शिक्षा-स्वास्थ्य और आवास जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर आर्थिक मदद की आस लिए पहुंचे थे।

कलेक्टर ने नवविवाहित दंपति सहित 18 जरूरतमंदों को स्कूटी स्वीकृत की। आर्थिक रूप से कमजोर 8 लोगों को 58 हजार की आर्थिक मदद स्वीकृत की, साथ ही अन्य मामलों में संबंधितों को निर्देश दिए। बुजुर्ग महिलाओं की सुनवाई नहीं- कलेक्टर जनसुनवाई में पहुंची 60 वर्षीय कलाबाई निवासी रंगवासा, राऊ का दर्द विष्णु मकवाना से राहत पाना है। आवेदन-निवेदन किए 90 दिनों से अधिक बीत गए, लेकिन यहां भी सुनवाई नहीं हुई। इसी तरह 70 वर्षीय रतनबाई की पीड़ा भी जमीन पर हो चुके अवैध कब्जा से मुक्ति ही थी। अधीनस्थों को निर्देश दिए गए हैं,पर पीड़िताए बार-बार निर्देश दिए जाने से दोनों असंतुष्ट थीं।

महज 35 आवेदन

इंदौर पुलिस आयुक्त कार्यालय में जनसुनवाइ में 35 ही मामले आए। कलेक्टर कार्यालय के मुकाबले यहां आवेदकों की संख्या बहुत कम रही।