आचार संहिता से पहले विकास कार्यों को शुरू करवाने की भागमभाग में अधिकारी
ग्वालियर। भले ही चुनावी आचार संहिता लगने में एक दो दिन की देरी देखी जा रही हो, लेकिन इससे पहले चुनावी मैदान में उतरने से वाले सत्ताधारी व विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा बीते 7 दिन में ताबडतोड़ लगभग 8500 करोड़ के विकास कार्यों के भूमिपूजन- लोकार्पण किए जा चुके है। जिसके बाद अधिकारियों के सामने विकास कार्यों को जल्द से जल्द शुरू करवाने के लिए अधिकारियों की मुश्किल बढ़ गई है। क्योंकि ग्वालियर विधानसभा में लगभग 150 करोड़ व ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा में लगभग 110 करोड़ के अलवा ग्वालियर पूर्व व दक्षिण में भी करोड़ों के काम शुरू होने है।
हालात यह है कि अधिकारी ठेकेदारों से टुकड़ों में कार्यों के शुरू कराते हुए नजर आ रहे है, जिससे चुनावी काल में जमीनी काम रूके न रह सके। भुगतान को लेकर आशाकिंत ठेकेदार:भले ही कायाकल्प के कार्यों को लेकर निगमायुक्त हर्ष सिंह ठेकेदारों को आश्वस्त कर दिया हो कि उनके भुगतान विशेष निधि मिलते ही कर दिए जाएंगे, लेकिन दूसरे कार्यों, विकास कार्यों के भुगतान को लेकर ठेकेदारों में भय का माहौल है और वे अधिकारियों के मान मनौव्वल पर बड़ी मुश्किल से काम करने को राजी हो रहे है। क्योंकि निगम के पास वर्तमान में कर्मचारियों को पूरा वेतन देने के पैसे भी नहीं होने का अंदेशा है।
इन विकास कार्यों की मिली सौगात
622.80 करोड़ रुपए की सोनपुरा सिंचाई परियोजना, 368.01 करोड़ रुपए की पावा बांध परियोजना। स्वर्ण रेखा नदी पर द्वितीय चरण में 7.42 किमी लंबी 926.21 करोड़ रुपए की (महारानी लक्ष्मीबाई प्रतिमा से गिरवाई चौकी एबी रोड तक) 4 लेन एलीवेटेड रोड। अमृत 2.0 के अंतर्गत 376.04 करोड़ लागत की चंबल नदी से पेयजल आपूर्ति योजना का भूमिपूजन। 242 करोड़ रुपए से अधिक लागत के 63 विकास कार्यों का लोकार्पण। 31 किमी लंबाई की 85.31 करोड़ के सिरसौद मार्ग का भूमिपूजन।
शुरूआत कराने के लिए फाइलें दौड़ी
आचार संहिता लगने से पहले जमीनी कार्य शुरूआत कराने के लिए ठेकेदारों को आर्डर दिए जाने है। जिसके चलते अवकाश के दिनों व देर शाम तक निगम कार्यालय में अधिकारियों व कर्मचारियों को फाइलों के तेजी से बढ़ाते हुए देखा जा रहा है और जल्द से जल्द कार्य शुरू करवाने के लिए राजनीतिक दलों के लोग भी अधिकारियों के आसपास सक्रिय देखे जा रहे है।
टुकड़ों में करवा रहे है काम शुरू
टेंडर वर्क आर्डर के बाद जिम्मेदार अधिकारी जल्द से जल्द काम करवाने के लिए जमीनी स्तर पर थोड़-थोडे कामों को शुरू कराकर छोड़ते जा रहे है, जिससे आचार संहिता लगने के चलते नए काम के शुरू करने की झंझट से बचा जा सके और बताया जा सके कि काम तो पहले ही शुरू हो चुका है।
ज्यादातर स्थानों पर विकास कार्यों को शुरू करवाया जा चुका है और कुछ स्थानों पर एक-दो दिन में कार्य शुरू करवा दिए जाएंगे। हर्ष सिंह, निगमायुक्त, ग्वालियर