अफसर ने फरारी में की पैसों की व्यवस्था चारधाम यात्रा जाने से पहले दबोचे हत्यारे
ग्वालियर। दिनदहाड़े सरपंच की गोलियों से भूनकर हत्या करने वाले चार आरोपियों की गिरफ्तारी का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस कांड में अब भी दो आरोपी फरार है जिसमें एक तो वह अफसर है जिसने फरारी में हत्यारों को पैसे की व्यवस्था कराई थी। पुलिस के हत्थे चढ़े बदमाश मर्डर के बाद चार धाम की यात्रा पर निकलने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही क्राइम ब्रांच और पड़ाव पुलिस ने आरोपियों का जयपुर से पीछा करते हुए तिघरा के जंगलों से उन्हें धर दबोचा।
पड़ाव के कांतिनगर इलाके में बीती 9 अक्टूबर को हुई बन्हेरी गांव के सरपंच विक्रम रावत की हत्या में शामिल चार बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस हत्याकांड में पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एएसपी क्राइम ब्रांच ऋषिकेश मीणा व एएसपी अखिलेश रैनवाल को जिम्मेदारी सौंपी थी। जिसके बाद क्राइम ब्रांच व पड़ाव थाना पुलिस की टीमों ने घटना स्थल के आसपास के सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज चैक कर हत्यारों के शहर से बाहर निकलना चिन्हित किया गया।
इसके बाद शिवपुरी व मुरैना टोल के फुटेज के आधार पर पुलिस को बदमाशों की सबलगढ़-विजयपुरकरौ ली-सरमथुरा-लालसोट तक की लीड मिली। लेकिन आरोपियों के मोबाइलों बंद होने पर उनकी लोकेशन ट्रेस नहीं हो पाई, ऐसे में पुलिस को मुखबिरों के जरिए आरोपियों के खाटूश्याम में होने की सूचना मिली। पुलिस वहां पहुंची तो पता चला कि आरोपी जयपुर तरफ निकल गए। जहां पुलिस को आरोपियों के छिपने का ठिकाना मिला और पता चला कि पैसे खत्म होने पर वह जयपुर से ग्वालियर निकल गए। इस आखिरी इनपुट पर पुलिस ने हत्यारों का पीछा करना शुरू किया तभी उनके तिघरा के जंगलों में होने की पुख्ता खबर पुलिस तक पहुंची। जिसके बाद पुलिस ने बिना देर किए आरोपियों को तिघरा के जंगल से धर दबोचा।
यह आरोपी दबोचे, दो अब भी फरार
सरंपच की हत्या करने वाले हमलावरों में अतेन्द्र रावत, बंटी रावत, धर्मवीर रावत व सुखविंद रावत को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जिसमें अतेन्द्र, बंटी व धर्मवीर सरपंच के भाई की हत्या में भी शामिल रहे है। वहीं इस प्रकरण में अभी मुकेश रावत व पुष्पेन्द्र की गिरफ्तारी होना बाकी है।
न्यायालय से मिली दो दिन की रिमांड
आरोपियों की गिरफ्तारी का पत्रकार वार्ता में खुलासा करने के बाद पुलिस ने चारों को न्यायालय में पेश किया है। जहां से पुलिस को हत्यारों की दो दिन की पुलिस रिमांड की अनुमति मिली है। जिनसें पूछताछ कर पुलिस अब हत्या का राज परत दर परत खोलेगी।
दहशत में गांव छोड़ रहे ग्रामीण
सूत्रों के मुताबिक जिन घरों में आग लगाई गई थी उनके परिजनों ने गांव आकर आग लगाने वालों को ना बक्शने का ऐलान किया है। जिसको देखते हुए बन्हेरी के कई ग्रामीण गांव छोड़कर जा रहे है।
भूसे में फिर भड़की आग
हाल ही में बन्हेरी में आगजनी की दोबारा घटना की जानकारी मिली थी, जिसकी पड़ताल करने पर पता चला कि पूर्व में हुई आगजनी की घटना में भूसे में लगी आग दोबारा भड़की। जिसके चलते आग की लपटे गांव में देखी गई थी।
ऑपरेशन को अंजाम देने वाले अफसर
हत्या के बाद फरार हुए आरोपियों को पकड़ने में पड़ाव टीआई इला टंडन, क्राइम ब्रांच टीआई अमर सिंह सिकरवार, एसआई रघुवीर मीणा, सुरजीत परमार, एएसआई दिनेश सिंह तोमर, राजीव सोलंकी, प्र.आर. हरेन्द्र सिंह, आरक्षक राघवेन्द्र भदौरिया, देवव्रत तोमर, रामवीर सिंह, अरुण पवैया, सोनू परिहार, राहुल दुबे, सौरभ चौहान, जसवीर गुर्जर की सराहनीय भूमिका रही है।
चारधाम यात्रा पर निकलने की थी प्लानिंग
हत्यारों की प्लानिंग जयपुर से चार धाम यात्रा पर निकलने की थी, ऐसे में कातिलों के पास पैसा खत्म होने पर वह फंडिंग के इंतजार में ग्वालियर की ओर निकले और यहीं दबोचे गए।