नर्स एवं प्रकृति एक दूसरे के समान है: प्रो. शुक्ला

नर्स एवं प्रकृति एक दूसरे के समान है: प्रो. शुक्ला

ग्वालियर। हमेशा अपनी अलग पहचान बनाए, नम्र बने रहे, नर्स एवं प्रकृति एक दूसरे के समान है। इनमे बेहतर समन्वय होना चाहिए तभी मानवता की अधिक भलाई हो सकेगी। नर्सेज कर्मियों को देख कर लोगों के मन में हमेशा वही भाव पैदा होता है जो एक सैनिक को देख कर होता है। कोरोना अवधि के बाद दुनिया भर में प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ की जबरदस्त मांग है।

यह आप सभी के लिए अच्छा अवसर है। इस अवसर पर एनसीसी के गर्ल्स एवं बॉयज कैडेट्स को भी ग्रेड (रैंक) देकर सम्मानित किया गया। उक्त बात शनिवार को मुख्य अतिथि कृषि विवि के कुलपति प्रो. अरविंद कुमार शुक्ला ने वीआईएसएम ग्रुप के अंतर्गत संचालित जय इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग एंड रिसर्च में तीन दिवसीय 30वीं एसएनए बायनियल एमपी स्टेट कांफ्रेंस के समापन अवसर पर कही। विशिष्ट अतिथि वीआईएसएम ग्रुप ऑफ स्टडीज के चेयरमैन डॉ. सुनील राठौर ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कांफ्रेंस में पधारे हुए समस्त अतिथियों एवं विभिन्न गतिविधियों में शामिल हुए छात्र छात्राओ का अभिनंदन किया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में नर्सिंग शिक्षण संक्रमण काल से गुजर रहा है ऐसे समय में भी कांफ्रेंस में इतने छात्र-छात्राओं की भागीदारी बहुत स्वागत योग्य है। उन्होंने छात्र- छात्राओं को अपने शैक्षणिक काल में कठोर परिश्रम करने की सलाह देते हुए बताया कि सफलता का कोई शोर्ट कट नहीं होता है। मेरा स्पष्ट मत है कि नॉन अटेन्डिंग स्टडी का कांसेप्ट आप लोगों को आसान तो लगता होगा, लेकिन यह आपके भविष्य का निर्माण नहीं कर सकता। ओरनामेंटल डिग्री किसी भी काम की नहीं है। यह एक छलावा है। नर्सिंग एक व्यवसाय या नौकरी का माध्यम ही नहीं है बल्कि जन सेवा के लिए समर्पण है। कार्यक्रम में संस्था कि चेयरपर्सन श्रीमती सरोज राठौर, ग्रुप निदेशक डॉ. प्रज्ञा सिंह, प्रो. डॉ. सुनीता लॉरेंस, टीएनए प्रेसिडेंट प्रो. जया बिजोय,वाईस प्रेसिडेंट टीएनए डॉ. माया पाटलिया, नर्सिंग प्राचार्या प्रो. रक्षा कुलश्रेष्ठ एवं डॉ. नीरज बंसल सहित आदि मौजूद रहे।