अब मौत के बाद भी पांच साल तक स्किन रहेगी सुरक्षित
जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में प्रदेश का पहला स्किन बैंक शुरू हो गया है। इससे मौत के बाद पांच साल तक स्किन को सुरक्षित रखा जा सकेगा। स्किन बैंक से बर्न के उन मरीजों को राहत मिलेगी, जो गंभीर रूप से हादसों के शिकार हो जाते है। प्रदेश में जबलपुर मेडिकल कॉलेज ऐसा पहला संस्थान है, जहां पर मरीजों के लिए यह बैंक शुरू हो गया है। इस तरह की यूनिट शुरू करने के लिए प्रदेश के अन्य शहर जैसे भोपाल में अभी प्रयास जारी हैं।
22 लाख से तैयार हुई यूनिट: मेडिकल कॉलेज में इस यूनिट की लागत करीब 22 लाख रुपए आई है। बैंक में अत्याधुनिक मशीनों के साथ स्किन को सुरक्षित रखने के लिए विशेष तरह के फ्रीजर है।
24 घंटे में प्रिजर्व करना होता है: मेडिकल कॉलेज के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. पवन अग्रवाल ने बताया कि मृत्यु के बाद देह के साथ स्किन भी डोनेट की जाती है। जो डोनर इसके लिए सहमति देगा, उसकी स्किन बर्न के मरीजों के लिए उपयोग की जाएगी। इसमें मृत्यु के बाद सामान्य अवस्था में स्किन को 12 घंटे में निकालना होता है। यदि बॉडी फ्रीजर में रखी, तो इसे 24 घंटे के अंदर निकालकर प्रिजर्व करना होता है। करीब 5 साल तक हम इसे सुरक्षित रख सकते हैं।
सालाना करीब 300 बर्न केस, 60 की हो जाती है मौत: डॉ. अग्रवाल के मुताबिक, मेडिकल कॉलेज में साल में करीब 300 बर्न पीड़ित उपचार के लिए पहुंचते हैं। इनमें से करीब 60 मरीज ऐसे होते है, जिनकी मृत्यु हो जाती है। बैंक शुरू होने से इसमें कमी आएगी। पूरी टीम इस कार्य के लिए तैयार है। अब स्किन डोनेशन के प्रति जागरुकता बढ़ाने पर काम किया जा रहा है।