अब हमारी नजर मंगल पर

इसरो और वैज्ञानिकों के कठिन परिश्रम का नतीजा है चंद्रयान-3 की सफलता

अब हमारी नजर मंगल पर

बेंगलुरु। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रमुख एस.सोमनाथ ने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में इसरो का यान इसी तरह मंगल ग्रह पर उतरेगा। सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता इसरो नेतृत्व और वैज्ञानिकों की पीढ़ियों की मेहनत का नतीजा है और यह सफलता बहुत बड़ी और प्रोत्साहित करने वाली है। सोमनाथ ने कहा, यह सफलता (चंद्रयान-3 मिशन की) हमारा न केवल चंद्र मिशन के लिए आत्मविश्वास बढ़ाएगी बल्कि यह मंगल तक जाएगी। एक समय मंगल ग्रह पर सॉμट लैंडिंग होगी और हो सकता है कि भविष्य में शुक्र ग्रह और अन्य ग्रहों पर भी यह कोशिश हो।

    चंद्रयान-3 की सॉμट लैंडिंग एक महत्वपूर्ण अवसर, एक ऐसी घटना जो जीवनकाल में एक बार होती है। -द्रौपदी मुर्मू, राष्ट्रपति

आज मुझे गर्व हो रहा

बरसों पहले तक जब भारत का जिक्र किया जाता था, तो इसे दुनिया का तीसरा देश कहा जाता था और मुझे ये पसंद नहीं था, पर आज मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि भारत कई मायनों में दुनिया में नंबर वन है, भारत माता की जय। - अमिताभ बच्चन

मैं प्रयास और विज्ञान में विश्वास करती हूं। मेरा मानना है कि इसरो के वैज्ञानिकों ने कड़ी मेहनत की है और यह मेरे पिता के सपनों में से एक को पूरा करेगा। उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी का

उपयोग करने का सपना देखा था, न कि अन्य देशों के साथ प्रतिस्पर्धा के लिए, न ही यह दिखाने को कि यह कितना महान है। - मल्लिका साराभाई, भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक विक्रम साराभाई की पुत्री1111

इंजीनियरिंग और दृढ़ता की इस अद्भुत उपलब्धि पर भारत को बधाई। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में चंद्रयान -3 की सफल लैंडिंग इस बात का सबूत है कि हम एक नए अंतरिक्ष युग में रह इंजीनियरिंग और दृढ़ता की इस अद्भुत उपलब्धि पर भारत को बधाई। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में चंद्रयान -3 की सफल लैंडिंग इस बात का सबूत है कि हम एक नए अंतरिक्ष युग में रह

टीम के साथ ये महिलाएं भी रहीं

डॉ. एस सोमनाथ चंद्रयान-3 के बाहुबली रॉकेट को डिजाइन किया

इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ ने इस मिशन को लीड किया। वहीं मिशन के उस बाहुबली रॉकेट के लॉन्च व्हीकल 3 को डिजाइन किया गया है, जिसकी मदद से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया गया था।

पी वीरमुथुवेल 2019 में चंद्रयान मिशन की जिम्मेदी मिली थी

चंद्रयान-3 मिशन के प्रोजेक्टर डायरेक्टर पी वीरमुथुवेल को 2019 में मिशन चंद्रयान की जिम्मेदारी दी गई थी। पहले वह इसरो के हेड आॅफिस में स्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोग्राम कार्यालय में उप निदेशक रहे हैं।

डॉ. के. कल्पना: कोविड में भी मून मिशन पर डटी रहीं

डॉ. के. कल्पना चंद्रयान-3 मिशन की डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैं। वह लंबे समय से इसरो के मून मिशन पर काम कर रही हैं। कोविड में भी उन्होंने मिशन पर काम करना जारी रखा।

डॉ. रितु कारिधाल : चंद्रयान- 3 की मिशन डायरेक्टर

इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी रॉकेट वूमन के नाम से मशहूर डॉ. रितु कारिधाल पर थी। वह यूपी के लखनऊ की रहने वालीं डॉ. रितु चंद्रयान-3 की मिशन डायरेक्टर हैं।

एस उन्नीकृष्णन नायर रॉकेट के निर्माण की जिम्मेदारी संभाली

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के डायेरक्टर और एयरोस्पेस इंजीनियर डॉ. उन्नीकृष्णन ने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मार्क -3 को तैयार किया।

एम शंकरन सैटेलाइट को डिजाइन व तैयार करने की जिम्मेदारी

सैटेलाइट सेंटर के डायरेक्टर एम शंकरन यूआर राव के पास इसरो के सैटेलाइट को तैयार व डिजाइन करने की जिम्मेदारी है। उन पर सैटेलाइट के कम्युनिकेशन, नेविगेशन, मौसम की भविष्यवाणी की जिम्मेदारी रही।

विदेशी मीडिया ने सराहा

  •  अलजजीरा चंद्रयान-3 की सफलता पर लिखता है- चंद्रयान- 3 ने इतिहास बनाया। 
  • बीबीसी ने लिखा है कि चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुप पर सफल लैंडिंग किया है। भारत ने इतिहास बना दिया है। 
  • वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा है- भारत ने चंद्रमा की सतह पर आसानी से अंतरिक्ष यान उतारा। 
  • न्यूयॉर्क टाइम्स लिखता है- चंद्रमा पर पहुंचने की नवीनतम दौड़ में, भारत दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में शीर्ष स्थान पर है। 
  • रूस का स्पूतनिक इस सफलता पर लिखता है- भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला देश बन गया है। 
  • द गॉर्जियन चंद्रयान की तारीफ करते हुए लिखता है- भारत ने दुनिया में सबसे पहले चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास अंतरिक्ष यान उतारा...। 
  • सीएनएन ने लिखा है- भारत ने चंद्रमा पर ऐतिहासिक लैंडिंग की।
  • पाकिस्तान की वेबसाइट डॉन ने लिखा- भारत के चंद्रयान-3 लैंडर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को सफलतापूर्वक छू लिया, जिसे पानी और आॅक्सीजन का संभावित स्रोत माना जा रहा है।