चांद से अब सिर्फ 150 किमी दूर हमारा चंद्रयान-3
नई दिल्ली। भारत का मून मिशन 'चंद्रयान-3' चंद्रमा की सतह के और नजदीक पहुंच गया है। सोमवार को कक्षा में नीचे लाए जाने की एक और सफल प्रक्रिया पूरी हुई। बेंगलुरु में स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि चंद्रयान-3 अब चंद्रमा की ‘निकटवर्ती कक्षा’ में पहुंच गया है। चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण 14 जुलाई को किया गया था और 5 अगस्त को इसने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। चंद्रयान-3 ने इसके बाद 6 और 9 अगस्त को चंद्रयान को कक्षा में नीचे लाए जाने की दो प्रक्रियाओं को अंजाम दिया गया। इसरो ने अभियान के आगे बढ़ने पर चंद्रयान-3 की कक्षा धीरे-धीरे घटानी शुरू की तथा उसे चंद्र ध्रुव के समीप लाने की प्रक्रियाओं को अंजाम दिया।
एक और प्रक्रिया को दिया जाएगा अंजाम :
इसरो के सूत्रों के अनुसार, अंतरिक्ष यान को 100 किमी की कक्षा तक पहुंचाने के लिए एक और प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा, जिसके बाद लैंडर और रोवर से युक्त ‘लैंडिंग मॉड्यूल’ आगे की प्रक्रिया के तहत ‘प्रॅपल्शन मॉड्यूल’ से अलग हो जाएगा। इसके बाद, लैंडर के ‘डीबूस्ट’ (धीमे होने की प्रक्रिया) से गुजरने और 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर ‘सॉμट लैंडिंग’ करने की उम्मीद है। बता दें कि चंद्रयान ने जब पहली बार चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था, तो उसकी आॅर्बिट 164 किमी 18,074 किमी थी।
चंद्रयान को चंद्रमा की सतह के नजदीक लाने की प्रक्रिया के बाद चंद्रयान-3 की कक्षा घटकर 150 किमी गुणा 177 किमी रह गई है। अगली प्रक्रिया को 16 अगस्त को सुबह करीब 8:30 बजे करने की योजना है। - इसरो