परिषद की बैठक में अब रंगा-बिल्ला, फरेब, झूठ और पप्पू जैसे शब्दों के प्रयोग पर प्रतिबंध
देश में पहली बार ननि भोपाल ने असंसदीय शब्दों की सूची जारी की
भोपाल। नगर निगम परिषद बैठक में अब पार्षद झूठ, फरेब, मिथ्या, चवन्नी छाप, रंगा-बिल्ला और पप्पू जैसे अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने शुक्रवार को ऐसे 838 शब्दों की सूची जारी की है, जिसे असंसदीय माना गया है। जान-बूझकर इन शब्दों के इस्तेमाल पर कार्रवाई होगी। कार्रवाई से ऐस शब्दों को विलोपित किया जाएगा। ऐसा पहली बार है, जब देश के किसी नगरीय निकाय द्वारा असंसदीय शब्दों की सूची जारी की गई है। सूर्यवंशी ने बताया कि इसके लिए मप्र विस अध्यक्ष गिरीश गौतम से चर्चा की गई। भड़के पप्पू विलास: पार्षद पप्पू विलास (जहांगीराबाद) ने वीडियो जारी कर कहा कि पप्पू नाम पर पाबंदी से उनके समाने अजीब स्थिति बन गई है। अब उनका नाम लोग कैसे लेंगे। इसी नाम से दो बार पार्षद बन चुके
पार्षदों को दी जाएगी बुकलेट:
नगर निगम ने अससंदीय शब्दों की बुकलेट भी छपवाई है। इसमें सभी 838 शब्द अंकित हैं, जिन्हें अससंदीय माना गया है। बुकलेट पार्षदों को दी जाएगी, ताकि परिषद की कार्रवाई में वे इन शब्दों का इस्तेमाल न करें।
मिथ्या शब्द को लेकर हुआ था विवाद:
बीते 11 सितंबर को परिषद बैठक में नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने 2022-23 से लेकर अब तक किए गए भुगतान और लंबित बिलों की जानकारी मांगी थी। इस पर जवाब के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि आप का जबाव मिथ्यापूर्ण है।
इन शब्दों का नहीं करेंगे प्रयोग:
बेशर्म, पप्पू, उल्लू का पट्ठा, चोर, फरेब, पागल, शर्म, लफंगे, दुष्ट, भ्रष्ट, ब्लैकमेल, बदमाश, ढोंगी, चवन्नी छाप, चुड़ैल, टुच्चा, पापी, रंगा-बिल्ला, अनर्गल, महामूर्ख आदि।
यदि कोई गलती से अससंदीय शब्दों का इस्तेमाल करेगा, तो वह प्रोसेडिंग का हिस्सा नहीं होगा। लेकिन यदि कोई जान-बूझकर इन शब्दों को बोलता है, तो अध्यक्ष के पास उसे सदन से बाहर करने का अधिकार है। - किशन सूर्यवंशी, अध्यक्ष, नगर निगम परिषद