अब मध्य प्रदेश के कड़कनाथ को मात देगी जापानी बटेर
जबलपुर। नॉनवेज के शौकीन लोगों के लिए जापानी बटेर पहली पसंद बनती जा रही है। पौष्टिकता से भरपूर करीब 250 ग्राम वजनी जापानी बटेर अब कड़कनाथ को मात दे रहे हैं। नानाजी देशमुख वेटरनरी यूनिवर्सिटी के फार्म में रखी जापानी बटेर की डिमांड जबलपुर, रीवा से लेकर इंदौर, निमाड़ तक है। विवि के पोल्ट्री फार्म यूनिट के प्रभारी डॉ. गिर्राज गोयल ने बताया कि जापानी बटेर में करीब 25 प्रतिशत तक प्रोटीन व 2-3 प्रतिशत ही फैट होता है। इसलिए यह हृदय रोगियों, छोटे बच्चों व जिन्हें कोलेस्ट्राल की समस्या है उनके लिए इसका मांस स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। डॉ. गोयल ने बताया कि देशी (जंगली) बटेर का पालन और शिकार प्रतिबंधित है। वहीं, जापानी बटेर के पालन और विक्रय को सरकार ने 2016 में नोटिफाई कर दिया है।
चार गुना बढ़ गई डिमांड
विवि में पालन के लिए रखी जापानी बटेर की डिमांड लगातार बढ़ रही है। यह पिछले तीन वर्षों में चार गुना तक बढ़ है। लगातार बढ़ रही मांग के चलते इसकी संख्या बढ़ाने पर विवि का काम कर रहा है।
कड़कनाथ की खासियत
- औसतन वजन 1.80 से 2 किग्रा
- 24 प्रतिशत प्रोटीन होता है
- 5 प्रतिशत तक होता है फैट
- 1600 से 2000 तक है कीमत
- 700-1000 रुपए किग्रा मांस की कीमत
बटेर की विशेषताएं
- 6 माह तक लगातार अंडे देती हैं
- 250 ग्राम मादा व 200 ग्राम नर बटेर का है वजन
- 25% तक प्रोटीन, 2 से 3% फैट
- एक बटेर की कीमत 50 रुपए
- इसका मांस 350-400 रुपए किग्रा है
विवि के पोल्ट्री फॉर्म की यूनिट में जापानी बटेर मथुरा से लाई गई थी। इनकी डिमांड को देखते हुए संख्या बढ़ाने पर काम किया जा रहा है। अभी पहली प्राथमिकता किसान- पशुपालकों को दिए जाने की है। - डॉ. एसपी तिवारी, कुलपति वीयू