अब सोशल मीडिया कंपनियों के खिलाफ दर्ज हो सकेगी FIR
डीपफेक पीड़ितों की मदद को तैयार सरकार
नई दिल्ली। डीपफेक को लेकर सरकार सचेत हो गई है। इससे पीड़ित लोग अब सोशल मीडिया कंपनियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा सकेंगे। सरकार इन पीड़ितों की मदद करने के लिए एक प्लेटफॉर्म डेवलप करेगी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ मीटिंग के बाद आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने यह जानकारी दी। मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक प्लेटफॉर्म डेवलप करेगी। इस प्लेटफॉर्म पर यूजर्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों द्वारा आईटी नियमों के उल्लंघन के बारे में सूचित कर सकेंगे। एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि डीपफेक वीडियो की रोकने के लिए सरकार रेगुलेशन लाने की तैयारी कर रही है।
पीएम मोदी का भी वीडियो हुआ था वायरल
अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का फर्जी वीडियो वायरल होने के बाद डीपफेक का मामला जोर पकड़ने लगा। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने भी डीपफेक को लेकर चिंता जताई थी। इसके अलावा मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान से जुड़ा कौन बनेगा करोड़पति वाला वीडियो भी चुनाव के दौरान खूब वायरल हुआ था।
इस तरह होगी कार्रवाई
मंत्री ने कहा कि नियमों के उल्लंघन पर मध्यस्थ (जिस प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया गया) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और यदि वे डिटेल्स को डिस्क्लोज करते हैं कि कंटेंट कहां से ओरिजिनेट हुआ है, तो उस एंटिटी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को आईटी नियमों के मुताबिक अपने ‘टर्म्स ऑफ यूज’ को अलाइन करने के लिए सात दिन का समय दिया गया है।
आईटी एक्ट में 3 साल की सजा का प्रावधान
भारत में आईटी एक्ट-2000 में धारा 66 डी के तहत किसी दोषी को तीन साल तक की सजा और 1 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।
अलर्ट रहने की सलाह: प्रोफाइल को हमेशा प्राइवेट रखें। सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत फोटो-वीडियो साझा न करें। अनजान वीडियो कॉल से दूरी बनाएं। किसी भी अनजान व्यक्ति से दोस्ती करने से बचें।