अब 12वीं का केमिस्ट्री व बिजनेस एनालिसिस का पेपर लीक, दो शिक्षक कोचिंग के वॉट्सऐप ग्रुप पर भेज रहे थे पर्चा
भोपाल। एमपी बोर्ड के 10वीं-12वीं के प्रश्न-पत्र लीक होने का सिलसिला जारी है। शनिवार को 12वीं के कैमिस्ट्री और बिजनेस एनॉलिसिस का प्रश्न पत्र परीक्षा शुरू होने के आधा घंटा पहले ही वॉट्सऐप ग्रुप पर वायरल हो गया। इस मामले में पुलिस ने 4 शिक्षकों को गिरफ्तार किया है। इसमें राजधानी के एक परीक्षा केंद्र के केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष और दो पर्यवेक्षक शामिल हैं। इन पर पेपर लीक करने के आरोप हैं। इससे पहले शुक्रवार को 10वीं का अंग्रेजी का पेपर भी आउट हुआ था। हालांकि, एमपी बोर्ड इसे पेपर लीक मानने से इनकार कर रहा है। अधिकारियों का तर्क है कि जो पेपर वाट्सऐप पर आए हैं, वह गेसिंग हैं। आधा घंटा पहले सभी स्टूडेंट सेंटर के अंदर हो जाते हैं, इसलिए वह कुछ नहीं कर सकते। जानकारी के अनुसार, शनिवार को 12वीं का केमिस्ट्री और बिजनेस एनालिसिसि का प्रश्न पत्र था। परीक्षा 9 बजे से शुरू होती है। लेकिन, करीब आधे घंटे पहले राजधानी के छोला इलाके के विद्या सागर स्कूल स्थित परीक्षा केंद्र से दोनों विषयों का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। यह पेपर टेलीग्राम पर भी पहुंच गया। सूचना पर मंडल की टीम पेपर कोड के आधार पर एसडीएम के साथ विद्या सागर स्कूल पहुंची। वहां चेक किया गया तो पेपर लीक की बात सामने आई। इसके बाद मंडल के परीक्षा समन्वयक केके रैकवार की शिकायत पर छोला पुलिस ने केंद्राध्यक्ष आरके सक्सेना, सहायक केंद्राध्यक्ष रेखा गोयल, पर्यवेक्षक विश्वनाथ सिंह और पवन सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी, परीक्षा अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया। बाद में इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। बोर्ड के पीआरओ मुकेश मालवीय ने बताया कि शनिवार को भोपाल सहित अन्य जिलों के 19 केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष और पर्यवेक्षकों को गिरफ्तार किया गया है। लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी को निलंबित कर दिया है।
फोटो खींचते और कोचिंग के वॉट्सऐप ग्रुप में भेजते
पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि पर्यवेक्षक पवन सिंह और विश्वनाथ प्राइवेट स्कूल के टीचर हैं और कोचिंग सेंटर चलाते हैं। दोनों आरोपी सुबह करीब 8:15 बजे केंद्राध्यक्ष के कमरे से पेपर का लिफाफा प्राप्त करते थे। यह लिफाफा उन्हें परीक्षा हाल में पहुंचाना होता था। इसी बीच वह रास्ते में पेपर का फोटो खींचकर कोचिंग सेंटर के बच्चों के लिए बनाए गए ग्रुप पर सेंड कर देते थे। बच्चों को 8:45 बजे तक परीक्षा हाल में प्रवेश करना होता था। उसके पहले 15 से 20 मिनट पेपर देखने का समय उन्हें मिल जाता था। आगे की जांच में कई अन्य कोचिंग सेंटरों के इस मामले में शामिल होने का खुलासा हो सकता है। दोनों आरोपी शिक्षकों को पुलिस ने पूछताछ के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। पुलिस मामले से जुड़े अन्य आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
अब तक 22 में से 10 प्रश्न पत्र लीक : जानकारी के अनुसार, एमपी बोर्ड की 10वीं-12वीं की परीक्षा में अब तक कुल 22 प्रश्न पत्र हो चुके हैं, जिनमें से 10 लीक हुए हैं। 10वीं के कुल 6 पेपर हुए हैं। इसमें से 4 लीक हुए। वहीं, 12वीं के कुल 16 में से 6 प्रश्न पत्र परीक्षा से पहले ही आउट हो चुके हैं।
इनकी भी गिरफ्तारी
शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बड़वानी के केंद्राध्यक्ष बलसिंह चौहान और सहायक केन्द्राध्यक्ष दिलीप सिंह अवास्या, रायसेन जिले के शास. उमावि प्रतापगढ़ के केन्द्राध्यक्ष रमाशंकर अहिरवार व सहायक केंद्राध्यक्ष निर्भय सिंह मवेदी, राजगढ़ में रेखा बैरागी, धनराज पाटीदार व रामसागर शर्मा, ग्वालियर के प्राचार्य हुकुम चंद्र लाचौरिया और विवेक कुमार लिटौरिया, धार के कन्या हाईस्कूल नालछा से रमेशचन्द्र भाबोर, रविन्द्र कोचली, मुकेश नायक, मयंक इन्दुलकर और सुमित यादव सहित अन्य को गिरफ्तार किया गया है।
परीक्षा शुरू होने से आधा घंटे पहले पेपर लीक हुआ
10वीं-12वीं की परीक्षा शुरू होने से 15 मिनट से आधा घंटे पहले पेपर वाट्सऐप पर आने की बात सामने आई है। प्रश्न पत्र थाने से परीक्षा केंद्र कड़ी सुरक्षा मेें भेजा जाता है, इसी बीच यह लीक हुआ है। इसलिए संबंधित केन्द्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष सहित पर्यवेक्षकों को गिरफ्तार किया गया है। -इंदर सिंह परमार, राज्यमंत्री, स्कूल शिक्षा