कोरोना से 70 फीसदी ज्यादा खतरनाक है निपाह वायरस

केरल में 6 मरीज मिले, आईसीएमआर ने कहा- जल्द बनाएंगे वैक्सीन

कोरोना से 70 फीसदी ज्यादा खतरनाक है निपाह वायरस

नई दिल्ली। केरल में निपाह वायरस के संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। शुक्रवार तक यहां संक्रमितों की संख्या बढ़कर छह हो गई है। कोझिकोड जिले में एक 39 वर्षीय व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि की गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने राज्य में बढ़ते संक्रमण को लेकर अलर्ट किया है। इसबीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा है कि निपाह वायरस कोरोना से 70 फीसदी ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने कहा कि केरल में फैल रहे निपाह वायरस की वैक्सीन जल्द बनकर तैयार होगी। उन्होंने बताया कि बीमारी के बारे में अधिक से अधिक जानकारी जुटा रहे हैं। आईसीएमआर द्वारा वैक्सीन के लिए शुरुआती रिसर्च शुरू कर दी गई है। डॉ. बहल के मुताबिक क्वीसलैंड में हिड्रा वायरस के लिए मनोक्लोनल एंटीबॉडीज प्रयोग की गई थीं। निपाह से संक्रमित मरीजों का मनोक्लोनल एंटीबॉडीज देकर इलाज किया जाएगा। एक मरीज को इसके दो डोज देने पड़ते हैं। भारत में फिलहाल 20 डोज हैं, जिससे 10 लोगों को ये दिया जा सकता है। शेष ऑस्ट्रेलिया से मंगाया जा रहा है। दुनिया में अब तक 14 लोगों को मनोक्लोनल एंटीबॉडीज दी गई है, इसकी सफलता शत्-प्रतिशत रही है। हालांकि भारत में अब तक किसी को एंटीबॉडीज नहीं दी गई।

खतरनाक इसलिए, क्योंकि न कोई इलाज, न ही वैक्सीन

केरल में निपाह वायरस से दो लोगों की मौत के बाद लोगों में दहशत बढ़ रही है। संक्रमण के मामलों में भी इजाफा हुआ है, ये वायरस खतरनाक इसलिए माना जा रहा है, क्योंकि न तो अब तक इसका कोई इलाज है और न ही वैक्सीन। डॉ. राजीव बहल के अनुसार, कोविड में मौत का आंकड़ा दो प्रतिशत था, लेकिन इसमें 40 से 60 प्रतिशत तक है। हालांकि आईसीएमआर की पुष्टि के बाद ये स्पष्ट हो गया है कि कोरोना की तरह निपाह वायरस की वैक्सीन भी जल्द लोगों को राहत देने का काम करेगी।

100 दिन में टीका खोजने की हो रही कोशिश

आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल के मुताबिक आईसीएमआर इस तरह की तैयारी करने में जुटा है कि जब भी कोई नया इंफेक्शन मिले तो जल्द से जल्द उसकी वैक्सीन बन जाए। हम अगले 100 दिनों के भीतर ही किसी भी नए इंफेक्शन का टीका खोजने की कोशिश में जुटे हैं।

डेंगू और टीबी की वैक्सीन पर भी किया जा रहा काम

आईसीएमआर डेंगू और टीबी की वैक्सीन पर भी लगातार काम कर रहा है। डॉ. बहल के मुताबिक डेंगू वैक्सीन का ट्रायल 2 से 3 महीने में शुरू हो जाएगा। उनके मुताबिक इसका ट्रायल 6 माह पहले ही शुरू किया जाना था, लेकिन कंपनी की खामी की वजह से ये अटक गया था।

निपाह वायरस के बारे में जुटा रहे जानकारी

डॉ. बहल ने कहा कि निपाह वायरस के प्रकोप के देखते हुए एआईवी पुणे की टीम को केरल भेजा गया है, ताकि जांच में समय की बचत हो, और जल्द से जल्द वायरस के बारे में जानकारी मिले। वायरस जूनोटिक है जो फ्रूट बैट से फैलता है, सबसे पहले ये मलेशिया में पाया गया था। इसके बाद भारत व बांग्लादेश में इसके मामले सामने आए।

निपाह वायरस के लक्षण कोविड-19 के समान हैं

नपाह वायरस इंफेक्शन के बाद शरीर में इस तरह की तकलीफ दिखाई दे सकती है। जैसे- दिमाग में सूजन, एन्सिफेलाइटिस जैसी खतरनाक बीमारी भी हो सकती है. इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। साथ ही साथ गंभीर उल्टियां भी हो सकती है।