न्यूजक्लिक केस: संस्थापक प्रबीर 7 दिन की पुलिस हिरासत में
नई दिल्ली। गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत गिरμतार न्यूज पोर्टल न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती को कोर्ट ने सात दिनों के लिए दिल्ली पुलिस की हिरासत में भेज दिया। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरμतार किया था और बुधवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। न्यूजक्लिक पर चीन से आर्थिक मदद लेकर भारत विरोधी एजेंडा चलाने का आरोप है। न्यूजक्लिक ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि न्यूजक्लिक ने भारत सरकार द्वारा तय दिशानिर्देशों और यहां के कानूनों के तहत लेनदेन किया है।
सीजेआई को पत्र- सरकारी तंत्र का दुरुपयोग रोकें
नई दिल्ली। भारत में मीडिया से जुड़े संगठनों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर न्यूजक्लिक पर कार्रवाई के मामले में दखल देने की अपील की है। ये पत्र प्रेस क्लब आॅफ इंडिया, डिजीपब और कई अन्य मीडिया संगठनों ने साझा लिखा है। इस पत्र में मुख्य न्यायाधीश से मीडिया के दमन के लिए जांच एजेंसियों के इस्तेमाल को रोकने के लिए कदम उठाने की अपील की है। इस पत्र में संगठनों ने लिखा है, पिछले चौसीब घंटे में जो घटनाक्रम हुआ है, उसने हमारे पास आपकी अंतरात्मा से संज्ञान लेने की और हस्तक्षेप करने की अपील करने के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा है। इस पत्र में मीडिया संगठनों ने कहा है कि ये लोकतंत्र के एक स्तंभ की दूसरे स्तंभ से अपने अस्तित्व को बचाने की अपील है। पत्र में न्यायपालिका से संविधान में निहित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मूल अधिकार को बनाए रखने का आग्रह किया है। पत्र में कहा गया है, आज सच्चाई यह है कि भारत में पत्रकारों का एक बड़ा वर्ग प्रतिशोध के खतरे के तहत काम कर रहा है। पत्र में न्यूजक्लिक के खिलाफ कार्रवाई में कठोर यूएपीए कानून के इस्तेमाल का मुद्दा भी उठाया गया है और इसे डरावना कहा गया। मीडिया संगठनों ने तर्क दिया है कि पत्रकारिता करने पर आतंकवादी के रूप में मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है। हाल के सालों में मीडिया पर हुई कार्रवाइयों का हवाला देते हुए ये भी कहा गया है कि जांच एजेंसियों का इस्तेमाल पत्रकारिता पर अंकुश लगाने के लिए किया जा रहा है। इस पत्र में केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन के मामले का भी हवाला दिया गया है। कप्पन को उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप की घटना की रिपोर्टिंग करने के लिए जाते हुए गिऱμतार किया गया था और उन पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था।