नई दिल्ली घोषणा पत्र पर मुहर, भारत को मध्य- पूर्व और यूरोप से जोड़ेगा इकोनॉमिक कॉरिडोर
नई दिल्ली। भारत की अध्यक्षता में जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन शनिवार को नई दिल्ली घोषणा पत्र को मंजूरी मिल गई। इसका सभी देशों ने समर्थन किया। इसके साथ ही इकोनॉमिक कॉरिडोर से भारत को मध्य-पूर्व और यूरोप से जोड़ने की भी घोषणा की गई। जानकारी के मुताबिक, घोषणा-पत्र को सभी देशों की सहमति मिल गई है। इसमें नौ बार ‘भारत’ का जिक्र किया गया है। घोषणा-पत्र में चार बार यूक्रेन का भी जिक्र है। इसमें भारत को चंद्रयान-3 की सफलता के लिए बधाई भी दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ऐलान किया कि जी- 20 लीडर समिट के डिक्लेरेशन पर सहमति बनी है। मेरा प्रस्ताव है कि लीडर्स डिक्लेरेशन को भी अपनाया जाए। मैं भी इसे अपनाने की घोषणा करता हूं। गौरतलब है कि पहले रूस-यूक्रेन के मुद्दे को लेकर इस घोषणा-पत्र को मंजूरी मिलने में दिक्कतें आ रही थीं। हालांकि, बाद में भारत ने घोषणा- पत्र के पैराग्राफ में बदलाव किए, जिससे इसे मंजूरी मिलने में आसानी हुई। भारत मध्य पूर्व यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर जल्द ही लॉन्च किया जाएगा। यह भारत, यूएई, सऊदी अरब, ईयू, फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमेरिका को शामिल करते हुए कनेक्टिविटी तथा बुनियादी ढांचे को लेकर सहयोग पर एक पहल होगी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस आर्थिक कॉरिडोर का ऐलान किया और इसे गेम चेंजर बताया।
बाइडेन ने कहा- धन्यवाद
भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मानव सभ्यता के विकास के लिए मजबूत कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा आधार रहा है। भारत ने इसको सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। बाइडेन ने कहा कि यह वास्तव में बड़ी बात है। मैं पीएम को धन्यवाद कहना चाहता हूं।
‘विश्वास की कमी’ को ‘वैश्विक भरोसे’ में बदलें
सम्मेलन पर यूक्रेन विवाद की छाया के बीच पीएम मोदी ने समूह के नेताओं का आह्वान किया कि वे मौजूदा ‘विश्वास की कमी’ को दूर करें और अशांत वैश्विक अर्थव्यवस्था, आतंकवाद तथा खाद्य, र्इंधन एवं उर्वरकों के प्रबंधन का ‘ठोस’ समाधान निकालें। भारत पूरी दुनिया को एक साथ आने और सबसे पहले वैश्विक भरोसे में बदलने के लिए आमंत्रित करता है।
कॉरिडोर से भारत-यूरोप के बीच व्यापार बढ़ेगा
यह महत्वाकांक्षी परियोजना भारत, मध्य पूर्व के साथ-साथ यूरोप के बीच व्यापार को बढ़ावा देगी। डेटा, रेल, बिजली और हाइड्रोजन पाइपलाइन परियोजनाएं शामिल होंगी। यूएई, सऊदी अरब, जॉर्डन और इजराइल सहित मध्य पूर्व में रेलवे और बंदरगाह सुविधाओं को जोड़ेगी। भारत-यूरोप के बीच व्यापार 40 प्रतिशत तक बढ़ेगा।
अफ्रीकी संघ बना जी20 का स्थायी सदस्य
भारत की अध्यक्षता में अफ्रीकी संघ शनिवार को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के समूह का स्थायी सदस्य बन गया। जी-20 की स्थापना 1999 में की गई थी और इसके बाद से इस गुट में यह पहला विस्तार है। प्रधानमंत्री मोदी ने 55 देशों वाले अफ्रीकी संघ को नए सदस्य के तौर पर शामिल किए जाने का प्रस्ताव पेश किया।
बाइडेन को बताया कोणार्क चक्र का महत्व
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को जी- 20 के लिए भारत मंडपम में मेहमानों का स्वागत किया। पीएम यहां स्वागत स्थल पर अलग-अलग राष्ट्राध्यक्षों से गर्मजोशी से मिले। बाइडेन का स्वागत करने के लिए पीएम मोदी अपने स्थान से हठकर दो कदम आगे आए। पीएम मोदी ने बाइडेन को कोणार्क चक्र के बारे में भी जानकारी दी।
भारत की अध्यक्षता की थीम ‘वसुधैव कुटुंबकम-एक पृथ्वी, एक कुटुंब, एक भविष्य’ टिकाऊ, समावेशी और मानव केंद्रित विकास का वैश्विक खाका है। मैं सम्मेलन में हिस्सा ले रहे सभी भागीदारों के सभी प्रयासों के सफल रहने की कामना करती हूं। - द्रौपदी मुर्मु, राष्ट्रपति
जी-20 नेता वित्तीय संकट के बाद वैश्विक विकास को बहाल करने के लिए 15 साल पहले पहली बार एक साथ आए थे। दुनिया नेतृत्व प्रदान करने के लिए एक बार फिर जी-20 की ओर देख रही है। हम मिलकर इन चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। - ऋषि सुनक, पीएम, ब्रिटेन
जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक मुहिम के लिए एक कार्य बल बनाया जाएगा। हम संतुलित जलवायु एजेंडे के साथ लोगों की गरिमा सुनिश्चित करते हुए 2025 में ‘सीओपी 30’ तक पहुंचना चाहते हैं। - लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा, राष्ट्रपति, ब्राजील