न पहुंच मार्ग बना पाए न ही परिसर का फर्श ही पक्का कर पाए
जबलपुर। रेलवे को आय देने में अव्वल कछपुरा मालगोदाम में बेसिक जरूरतें ही पूरी करने में रेलवे फेल साबित हुआ है,इसके लिए दावे तो बड़े-बड़े किए गए थे जो कि हवा हो चुके हैं। यहां पर अब तक न तो पक्का पहुंचमार्ग बन सका है और न ही मालगोदाम परिसर के फर्श को ही पक्का किया गया है। कछपुरा मालगोदाम से ही मंडल का लदान लोड या अनलोड होता है। यहां पर अच्छी सुविधाएं होनी चाहिए,मगर इसकी तरफ जिम्मेदारों का ध्यान नहीं है। कुछ समय पहले यहां पर तौल के लिए और बोगी तक सुविधाजनक पहुंच के लिए एक मशीन लगाई गई थी जो हफ्ते भर चलकर वापस निकाल ली गई। पोर्टरों के लिए भी परिसर में एक अदद केंटीन तक नहीं है जिसके कारण उन्हें चाय-पानी के लिए भी बाहर जाना होता है।
ट्रक गड्ढों से होकर खाते हैं हिचकोले
यहां से माल लाने या ले जाने वाले भारी ट्रक मालभरकर जब निकलते हैं या आते हैं तो कछपुरा ओवर ब्रिज से ही उनका मुश्किल का सफर शुरू हो जाता है जो मालगोदाम तक जारी रहता है। माल लेकर आने में भी उनका ओवरब्रिज टर्निंग तक यही हाल होता है। रास्ता इतना खराब होता है कि बेहद संभाल कर ड्राइवर यह दूरी पूरी करते हैं। रेलवे इतने सालों में एक अदद पक्की सड़क या मालगोदाम के परिसर को सीमेंटीकृत नहीं कर पाया है।