न्याय प्रणाली को और लचीला बनाने की जरूरत: मोदी

न्याय प्रणाली को और लचीला बनाने की जरूरत: मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को जांच और न्याय प्रदान करने के लिए देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की वकालत करते हुए कहा कि अपराधी विभिन्न क्षेत्रों में वित्त पोषण और संचालन के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक-दूसरे के अधिकार क्षेत्र का सम्मान करते हुए सहयोग किया जा सकता है, क्योंकि जब हम एक साथ काम करते हैं, तो अधिकार क्षेत्र बिना देरी किए न्याय देने का एक उपकरण बन जाता है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी और साइबर खतरों के बढ़ने से नई चुनौतियां पैदा हुई हैं और न्याय प्रणाली को अधिक लचीला और अनुकूल बनाने की आवश्यकता है। यहां राष्ट्रमंडल विधि शिक्षा संघ- राष्ट्रमंडल अटॉर्नी और सॉलिसिटर जनरल सम्मेलन में उन्होंने कहा कि21वीं सदी की चुनौतियों का सामना 20वीं सदी के दृष्टिकोण से नहीं किया जा सकता।

टेक्नोलॉजी न्याय के लिए शक्तिशाली माध्यम : चंद्रचूड़

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि न्याय के लिए प्रौद्योगिकी शक्तिशाली माध्यम के रूप में उभरी है और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि प्रौद्योगिकीय तंत्र को समानता व समावेशिता को ध्यान में रखकर तैयार किया जाए। न्याय के प्रति साझा प्रतिबद्धता कायम करने के महत्व को पहचानने की आवश्यकता है। यह जरूरी है कि कानूनी अधिकारी राजनीति से प्रभावित न हों और कानूनी कार्यवाही की अखंडता सुनिश्चित करते हुए अदालतों में गरिमापूर्ण व्यवहार करें।