अडाणी ग्रुप में करीब आधा एफडीआई फैमिली से लिंक्ड कंपनियों से आया
नई दिल्ली। 24 जनवरी को यूएस शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी होने के बाद सअडाणी ग्रुप की कुल मार्केट वैल्यू में 140 अरब डॉलर से अधिक की गिरावट आई थी। इस रिपोर्ट के करीब 2 महीने बाद अब फिर से एक मीडिया रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप पर बड़ा खुलासा किया गया है। इस रिपोर्ट ने अडाणी ग्रुप पर बड़े सवाल खड़े किए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अडाणी ग्रुप ऑफशोर फंडिंग के भरोसे चल रहा है। इसके अनुसार, हाल के वर्षों में गौतम अडाणी के ग्रुप में आया करीब आधा एफडीआई अडाणी फैमिली से लिंक्ड विदेशी इकाइयों से आया है। कुल एफडीआई का 45.5% लिंक्ड कंपनियों से : विश्लेषकों ने भारत के एफडीआई रेमिटेंस आंकड़ों का विश्लेषण किया है। इससे पता चला है कि अडाणी से लिंक्ड आॅफशोर कंपनियों ने साल 2017 से 2022 के बीच ग्रुप में कम से कम 2.6 अरब डॉलर का निवेश किया है। यह इस अवधि के दौरान आए कुल 5.7 अरब डॉलर के कुल एफडीआई का 45.4 फीसदी है।
अस्पष्ट सोर्सेज के फंड से हुई ग्रोथ
यह डेटा बताता है कि कैसे अस्पष्ट सोर्सेज के फंड से अडाणी को अपना विशाल साम्राज्य बनाने में मदद मिली। अडाणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डेवलपमेंट एजेंडे के साथ खुद को जोड़ते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र के दिग्गज के रूप में अपने कारोबार का विस्तार किया। अडाणी ग्रुप से लिंक्ड आॅफशोर इकाइयों से निवेश और भी अधिक होने की संभावना है, क्योंकि एफडीआई डेटा विदेशी निवेश के एक हिस्से को ही दर्शाता है।
मॉरिशस की कंपनियों से आया पैसा
रिपोर्ट के अनुसार, अडाणी ग्रुप के 5.7 अरब डॉलर के एफडीआई इनμलो का करीब आधा ग्रुप से जुड़ी अस्पष्ट विदेशी संस्थाओं से आया था। सितंबर 2022 तक अडाणी ग्रुप एफडीआई के रूप में आने वाले धन के भारत के सबसे बड़े प्राप्तकर्ताओं में से एक था। इसने देश में 6 फीसदी इनμलो प्राप्त किया। 12 महीने की अवधि में आए ग्रुप के 2.5 अरब डॉलर के एफडीआई में से 526 मिलियन डॉलर अडाणी परिवार से जुड़ी दो मॉरिशस कंपनियों से आया। जबकि, करीब 2 अरब डॉलर अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी से आया। रिपोर्ट के अनुसार, ग्रुप में एफडीआई डालने वाली अधिकांश ऑफशोर शेल कंपनियां खुद को अडाणी के प्रमोटर ग्रुप का हिस्सा बताती है। इसका मतलब है कि वे कंपनियां अडाणी या उनके परिवार से जुड़ी हुई हैं।
देश के और एयरपोर्ट्स के लिए बोली लगाएगा समूह
अडाणी एयरपोर्ट्स आने वाले दिनों में और अधिक एयरपोर्ट्स के लिए बोली लगाएगी। कंपनी के सीईओ अरुण बंसल ने बुधवार को बताया कि कंपनी अपने एयरपोर्ट्स की संख्या को बढ़ाना चाहती है। उन्होंने कंपनी की योजना पर बात करते हुए आगे बताया कि अगले कुछ सालों में एक दर्जन से अधिक एयरपोर्ट्स के निजीकरण की उम्मीद है और हम इनकी बोली में भाग लेंगे।
एविएशन इंस्टीट्यूट स्थापित करने पर काम :
बंसल ने सेंटर फॉर एविएशन समिट में बोलते हुए कहा कि अडाणी एयरपोर्ट्स एक एविएशन इंस्टीट्यूट स्थापित करने पर काम कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पहले चरण के तहत, नवी मुंबई हवाई अड्डा दिसंबर 2024 तक ऑपरेशन शुरू कर देगा। नवी मुंबई हवाई अड्डे के पहले चरण में यात्रियों को संभालने की क्षमता 2 करोड़ होगी। ज्ञात हो कि अडाणी एयरपोर्ट्स देश की सबसे बड़ी एयरपोर्ट ऑपरेटर कंपनी है। अभी उसके पास देश के 7 एयरपोर्ट की कमान है।