ननि को प्रदेश शासन से अपने 1 अरब सहित 5 हजार करोड़ रुपए की आस
जबलपुर। नगर निगम को प्रदेश शासन से अपने विभिन्न मदों के 1 अरब रुपए सहित पूर्व में शहर विकास के लिए दिए गए प्रस्तावों के 5 हजार करोड़ रुपए की आस है। हाल ही में शहर प्रवास पर आए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मिलकर महापौर ने उन्हें यह ज्ञापनसौंपते हुए इस राशि के आवंटन की मांग की है। सीएम ने महापौर को प्रस्तावों पर विचार करने का भरोसा दिया है। जिस तरह की आर्थिक स्थिति वर्तमान में प्रदेश सरकार की है उसे देखते हुए 5 हजार करोड़ के विकास कार्यों का प्रस्ताव माना जाएगा इस पर संशय है,मगर विभिन्न योजनाओं के जो 1 अ रब रुपए नगर निगम को लेना है उसमें से कुछ राशि जरूर यदि सीएम चाहें तो मिल सकती है जिसके बाद नगर निगम की खस्ताहाली से कुछ हद तक राहत मिल सकती है। इसके लिए भी काफी प्रयास करने होंगे,ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदेश की सभी नगर निगम,नगर पालिकाओं की हालत बेहद दयनीय चल रही है। यहां तक कि भोपाल,इंदौर,ग्वालियर जैसे बड़े नगर निगम भी आर्थिक तंगहाली का सामना कर रहे हैं।वहीं 100 से अधिक छोटी नगर पालिकाओं में तो वेतन के लाले पड़े हुए हैं।
इन विकास योजनाओं के लिए मांगे 5 हजार करोड़
नर्मदा के मुख्य घाटों का विकास,लेजर शो आदि 1000 करोड़
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम 250 करोड़
रेलवे से नेरोगेज भूमि लेकर सड़क व अन्य निर्माण 200 करोड़
जलप्लावन रोकने बड़ नाले निर्माण व अन्य कार्य 200 करोड़
79 वार्डों में संजीवनी क्लीनिक 10 करोड़
हर वार्ड में एक स्मार्ट स्कूल निर्माण 150 करोड़
प्रमुख पर्यटन स्थलों,धुआंधार,चौंसठ योगिनी,मदनमहल किला पर रोपवे 300 करोड़
घमापुर-अब्दुल हमीद चौक तक फ्लाई ओवर निर्माण 500 करोड़
10 तालाब,5 उद्यान,9श्मशान,कब्रिस्तान उन्नयन कार्य 100 करोड़
सभी वार्डों में सड़क निर्माण कार्य 250 करोड़
यातायात व्यवस्था एवं मल्टीलेवल पार्किंग निर्माण 100 करोड़
अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्वीमिंग पूल,2 हजार क्षमता के ऑडीटोरियम निर्माण 125 करोड़
नेशनल स्तर के खेल आयोजन में खिलाड़ियों के ठहरने हॉस्टल 25 करोड़
3 व्यवसायिक,कमर्शियल क्लस्टर निर्माण 300 करोड़
गरीब वर्ग के लिए सामुदायिक भवनों का निर्माण 50 करोड़
जेडीए व अन्य शास. संस्थानों की भूमि ननि,स्मार्ट सिटी को देकर विकास 200 करोड़
कमलनाथ सरकार के समय स्वीकृत किए गए कार्यों को करवाए जाने 2800 करोड़
सोलर सिस्टम लगाकर बिजली बिल में होने वाली राशि की बचत 50 करोड़
बंद नालों को चालू कराने व स्वच्छता संबंधी अन्य कार्य करने 25 करोड़