यशोदा टॉवर में अवैध हिस्से की नपाई करेंगे ननि अधिकारी
ग्वालियर। न्यू सिटी सेंटर स्थित यशोदा रेजीडेंसी टाउनशिप तैयार करने वाली यशोदा गृह निर्माण सहकारी समिति पर अब नगर निगम ने कार्रवाई की तैयारी कर ली है। शायद यही कारण है कि मंगलवार से निगम अमला मौके पर बने आवासों, अवैध हिस्से सहित शिकायतकर्ता द्वारा घोटाले की निशानदेही कर अन्य जानकारी जुटाने के लिए सर्वे शुरू करेगा।
यशोदा गृह निर्माण सहकारी समिति के खिलाफ टाउनशिप में आधा दर्जन से अधिक गड़बड़ियां करने की शिकायतें जिला प्रशासन तक पहुंची थीं। जिसमें ईडब्ल्यूएस व एलआईजी का निर्माण न होना, बिना पंजीयक की अनुमति लिए व्यवसायिक भूमि बेचने, डुप्लेक्स की रजिस्ट्री प्लाट के रूप में करने, संस्था से बाहरी लोगों को प्लाट बेचने, प्लांट बेचने के दौरान सदस्यों की वरिष्ठता का उल्लंघन करने, सदस्यता सूची व अन्य रिकार्ड उप पंजीयक को न भेजने जैसे कई आरोप सिद्ध पाए गए थे और टीएंडसीपी सहित निगम ने परमिशन निरस्त कर दी थी। वहीं जारी कार्रवाई के चलते निगमायुक्त किशोर कान्याल ने सात बिंदुओं पर आदेश जारी किए थे। जिसमें संस्था के कॉलोनाइजर लाइसेंस के बदले बंधक रखी पांच लाख रुपए की बैंक गारंटी को जब्त करने व खाली पड़े भूखंडों और संपत्तियों को राजसात करने के निर्देश थे।
बिल जमा न करने पर काटा नल कनेक्शन
वार्ड 60 स्थित यशोदा रेजीडेंसी के द्वारा पानी का बिल 1.80 लाख रुपए जमा न करने के कारण सोमवार को क्षेत्राधिकारी अनिल श्रीवास्तव के साथ पीएचई के उपयंत्री सुशील साहू ने सोमवार को यशोदा रेजीडेंसी का जल कनेक्शन काट दिया। उपयंत्री ने बताया कि कार्यपालन यंत्री संजय सिंह सोलंकी के निर्देशन में जलकर वसूली अभियान जारी है तथा लक्ष्य की पूर्ति के लिए निगम के अधिकारी व कर्मचारी घर-घर जाकर जलकर की वसूली कर रहे हैं।
अधिकारी बैठे रहे, नहीं आया कोई सुनवाई में
यशोदा गृह निर्माण सहकारी समिति के खिलाफ टाउनशिप की शिकायतें अधिकारियों के मोबाइल पर खूब आ रही हो, जिसके लिए अधिकारियों ने सोमवार को मामले में सुनवाई रखी थी और शिकायतकर्ताओं को सूचना भी दी थी, लेकिन कोई भी शिकायतकर्ता मौके पर नहीं पहुंचा, जिसके चलते अधिकारियों ने 16 मार्च को अगली तिथि फिर सुनवाई के लिए लगाई है।
इनको दिया था निरीक्षण का आदेश
निगमायुक्त किशोर कान्याल ने निर्देश देकर सहायक नगर निवेशक बीके त्यागी, भवन अधिकारी वीरेंद्र शाक्य, भवन निरीक्षक अनिल श्रीवास्तव और पटवारी शैलेंद्र श्रीवास्तव को मौके पर जाकर निरीक्षण कर अवैध निर्माण के बारे में जानकारी देने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
ये सात बिंदु हुए जारी
- यशोदा टॉवर की मंजूरी की फाइल नहीं मिलने के कारण तत्कालीन अधिकारियों और कर्मचारियों से प्रतिवेदन, कमजोर आय वर्ग के भवनों का निर्माण नहीं होने पर अविक्रीत डुप्लेक्स, फ्लैट और भूखंडों की जानकारी जाएगी।
- नगर निगम से प्राप्त की गई अनुमतियों में विकास कार्यों के बदले में 325.04 वर्गमीटर क्षेत्रफल का भूखंड क्रमांक एक बंधक रखा गया था, अब इसे राजसात किया जाएगा।