वर्ष में सिर्फ एक बार खुलता है नागचन्द्रेश्वर मंदिर, यहां है नागदेव की दुर्लभ प्रतिमा

वर्ष में सिर्फ एक बार खुलता है नागचन्द्रेश्वर मंदिर, यहां है नागदेव की दुर्लभ प्रतिमा

ग्वालियर। श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि सोमवार को नाग पंचमी त्योहार मनाया गया। नागचन्द्रेश्वर मंदिर वर्ष में एक बार खुलता है। वहीं सनातन धर्म में इस दिन भगवान शिव के साथ सर्पों की पूजा का विधान है, हिन्दू धर्म में नाग पूजनीय माने गए हैं, जहां भगवान शिव के गले में विराजते हैं तो शेषनाग पर भगवान विष्णु शयन करते हैं। नागपंचमी पर मंदिर के पट सिर्फ 24 घंटे के लिए खुलते हैं। सोमवार को सुबह से मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी रही। दौलतगंज स्थित नाग मंदिर में भी भक्तगणों ने नागदेव मंदिर में जलाभिषेक के साथ पूजा अर्चना की।

501 कांवड़ों ने गिरगांव मंदिर में किया जलाभिषेक

कांग्रेस नेता साहब सिंह हुरावली से गिरगांव तक 501 कांवड़ यात्रा के साथ चले। हुरावली चौराहा पर विधायक सतीश सिकरवार ने समर्थकों के साथ साहब सिंह और उनके साथ कांवड़ लेकर आ रहे श्रद्धालुओं का स्वागत किया। साहब सिंह कांवड़ों के साथ गिरगांव स्थित महादेव मंदिर पर पहुंचे और विधि-विधान के साथ कांवड़ चढ़ाई।

सप्तम सोमवार को रही शिवालयों में भीड़

श्रावण मास के सप्तम सोमवार पर शिवालयों पर सुबह से भक्तों की भीड़ रही। अचलेश्वर मंदिर में एक कतार एमएलबी कॉलेज वाले गेट तक थी तो दूसरी कतार महादजी चौराहे तक देखी गई। इसी तरह कोटेश्वर, धूमेश्वर, गुप्तेश्वर, मार्केंडेश्वर महादेव, गिरगांव मंदिर में भी भक्तों की भीड़ दिखाई दी।