नाग पंचमी: सूर्य, बुध आदित्य योग में होगा नाग पूजन
ग्वालियर। नाग पंचमी पर्व नागों की पूजा के लिए भारतीय संस्कृत में विशिष्ट स्थान रखता है। खास बात यह है कि जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उनके लिए नागों की पूजा करना खास लाभकारी रहती है। इस दिन नागों का पूजन व दर्शन करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इस बार नाग पंचमी 21 अगस्त, श्रावण के सातवें सोमवार को बुधादित्य योग के संयोग में मनाई जाएगी। यह जानकारी देते हुए बालाजी धाम काली माता मंदिर के ज्योतिषाचार्य डॉ. सतीश सोनी ने बताया कि 21 अगस्त श्रावण मास के सातवें सोमवार को नाग पंचमी के पर्व पर कालसर्प दोष मुक्ति निवारण के लिए बालाजी धाम काली माता मंदिर गरगज कॉलोनी बहोड़ापुर की पवित्र भूमि पर शिवजी का महा रुद्राभिषेक और हवनात्मक अनुष्ठान किया जाएगा।
इस दिन भगवान आशुतोष पर अखंड जलधारा समर्पित कर अभिषेक करने के साथ ही 21 वैदिक विद्वान शिव की प्रसन्नता तथा कालसर्प दोष, मांगलिक दोष, राहु-केतु, पितृ दोष शांति के लिए मंत्रोच्चारण के साथ विशेष आहुति देंगे। इस अवसर पर शहर के सभी भक्तों के लिए बालाजी धर्मार्थ सेवा समिति द्वारा भगवान भोलेनाथ का प्रसाद अभिमंत्रित सवा लाख रुद्राक्ष का नि:शुल्क वितरण किया जाएगा। महंत पं. किशोर कुमार शर्मा ने बताया कि इस पूजा में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की शांति पूजा समिति कराएगी।
इसके लिए पूजन सामग्री भी नि:शुल्क उपलब्ध रहेगी, लेकिन पूजा के लिए पंजीयन आवश्यक होगा, जो पूरी तरह नि:शुल्क होगा। समिति ने यह पंजीयन शुरु कर दिया है। उन्होंने बताया कि श्रावण मास में महा रुद्राभिषेक और हवनात्मक अनुष्ठान से नागपाश दोष दूर होगा। इस दिन सूर्य और बुध सिंह राशि में उपस्थित रहेंगे। सिंह राशि के अधिपति देव स्वयं सूर्य देव हैं, बुध इनके मित्र हैं, इसलिए यह युति बुध आदित्य योग का निर्माण कर रही है। नाग पंचमी को लेकर शहर के नाग मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। छत्री बाजार प्राचीन नागदेव मंदिर, सीपी कॉलोनी, ट्रांसपोर्ट नगर अमर प्रेम मंदिर में अभिषेक व पूजन किया जाएगा।