एनएसयूआई का जीवाजी विवि में हंगामा दीवार पर लिखा भ्रष्ट कुलपति कार्यालय
ग्वालियर। जीवाजी विवि द्वारा कॉलेजों में शिक्षक, लैब-लाइब्रेरी व अन्य कमियां होने के बाद भी कॉलेजों को संबद्धता देकर छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किए जाने को लेकर एनएसयूआई के छात्र नेता वंश माहेश्वरी के नेतृत्व में संगठन के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को विवि के प्रशासनिक भवन में कुलपति मुर्दाबाद के नारे लगाए, साथ ही परीक्षा नियंत्रक कार्यालय की दीवार पर काले रंग के स्प्रे से भ्रष्ट कुलपति कार्यालय लिख दिया। इसके साथ ही अधिकारियों के कार्यालयों के बाहर पर्चे भी चिपका दिए। सुरक्षा प्रहरी और गार्डों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, तो कुछ ने छज्जे पर छलांग लगा दी। अधिकारी, कर्मचारी और छात्र इस हाईवोल्टेज ड्रामे को देख रहे थे। प्रदर्शनकारियों के जाने के बाद कर्मचारियों ने कलर लाकर दीवार पर लिखे भ्रष्ट कुलपति कार्यालय शब्दों को मिटा दिया।
कुलपति बोले, मैंने किसी का भविष्य खराब नहीं किया छात्र नेता वंश माहेश्वरी के नेतृत्व में कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए कुलपति सचिवालय पहुंचे। इस पर कुलपति ने बातचीत करने के लिए छात्र नेता को बुलाया। छात्र नेता ने कहा कि जिन कॉलेजों ने अपने यहां कार्यरत शिक्षकों की जानकारी नहीं दी है, उनकी मान्यता खत्म करने के लिए शासन को पत्र लिखा जा रहा है। कुलपति ने कहा कि जिन कॉलेजों ने जानकारी नहीं दी है, उनके संबंध में कार्यपरिषद की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। छात्र नेता ने कहा कि कॉलेजों में शिक्षक व अन्य कमियां हैं तो फिर उन्हें नियम विरूद्ध संबद्धता क्यों दी जा रही है, इससे छात्रों का भविष्य खराब किया जा रहा है।
कुलपति ने कॉलेजों की संबद्धता से उन्हें कोई मतलब नहीं होना चाहिए और उन्होंने किसी का भविष्य खराब नहीं किया है, इसलिए उन पर दोषारोपण नहीं किया जाए। छात्र नेता ने कहा कि परीक्षा नियंत्रक द्वारा छात्रों के मामले में जो भी नोटशीट भेजी जाती हैं, वह रोक ली जाती हैं। छात्र फार्म नहीं भर पा रहे हैं, उनका भविष्य खराब हो रहा है। अगर ऐसा करना है तो फिर परीक्षा नियंत्रक का पद खत्म कर देना चाहिए। कुलपति ने भड़कते हुए कार्यालय में मौजूद परीक्षा नियंत्रक से कहा उनके द्वारा भेजी पत्रावली कब रोकी। परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि ऐसा नहीं है। कुलपति ने यह भी कहा कि छात्रों को परीक्षा फार्म भरने का पूरा मौका दिया जाता है, लेकिन इसके बाद भी वह फार्म नहीं भर पाते हैं तो तुम ही लिंक खोलने की मांग लेकर आते हो। कुलपति ने दोहराते हुए फिर कहा कि वह किसी छात्र का भविष्य खराब नहीं कर रहे हैं।
65 से 70 कॉलेजों ने शिक्षकों को लेकर जानकारी दी है
विवि की कार्यपरिषद की बैठक में निर्णय लिया गया था कि जो कॉलेज 31 जुलाई तक कार्यरत शिक्षकों की जानकारी नहीं देंगे, उनकी संबद्धता खत्म करने के लिए शासन को लिखा जाएगा। जानकारी के अनुसार 200 में से 65 से 70 कॉलेजों ने जानकारी दी है।
कॉलेजों में शिक्षक नहीं हैं, साथ ही अन्य कमियां हैं, मगर इसके बाद भी उन्हें संबद्धता दी जा रही है। कार्यपरिषद की बैठक में ऐसे कॉलेजों की मान्यता खत्म करने के लिए निर्णय लिया गया था। हम यही पूछने के लिए गए थे, जिस पर कुलपति भड़क गए। इसे लेकर प्रदर्शन किया और दीवार पर भ्रष्ट कुलपति कार्यालय लिखा। -वंश माहेश्वरी, छात्र नेता एनएसयूआई