निफ्ट के स्टूडेंट्स ने सूत कताई के तरीकों को जाना

खादी महोत्सव सूत्र सृजन में हथकरघा कारीगरों ने किया अपने उपकरणों का प्रदर्शन

निफ्ट के स्टूडेंट्स ने सूत कताई के तरीकों को जाना

नेशनल  इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) में खादी महोत्सव सूत्र सृजन का आयोजन किया गया, जिसमें अलग-अलग हथकरघा तकनीकों को दिखाने के लिए कई हस्तशिल्प व हथकरघा कारीगर आए। हथकरघा जिसे हैंडलूम भी कहा जाता है, एक पारंपरिक तकनीक है जिसमें कपड़े को हाथ से बुना जाता है, जिसमें किसी भी मैकेनिकल सहायता का उपयोग नहीं होता है। इस अवसर पर सूत कताई कार्यशाला का भी आयोजन किया जिसमें खादी ग्रामोद्योग बोर्ड, भोपाल के कारीगर महेश अहिरवार ने सूत कताई को समझाया। उन्होंने कहा कि सूत कताई की कला हमारे देश के लिए एक बहुत ही अहम आभूषण है। मैंने बहुत लोगों को देखा है जिन्हें इस कला के बारे में नहीं पता है लेकिन आज मुझे इन छात्रों ने दिखा दिया कि आने वाली पीढ़ी अपनी संस्कृति की जड़ों से जुड़ने की इच्छा रखती है।

ग्रामीण रोजगार के लिए कर रहे काम

इस क्राफ्ट बाजार के आयोजन से हमने छात्रों एवं सभी कर्मचारियों को हथकरघा एवं सूत कताई के बारे में जागरूक किया है। हैंडलूम क्षेत्र में निवेश करके हम ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की स्थिति में सुधार कर सकते हैं, जिससे लोगों को विकास की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिल सकती है। हम लगातार स्टूडेंट्स को ग्रामीण क्षेत्रों की विजिट कराकर वहां की हैंडलूम व हैंडीक्राफ्ट संस्कृति को समझने का मौका दे रहे हैं ताकि हमारी विविधता भरी कलाएं संरक्षित हों। लेफ्टिनेंट कर्नल आशीष अग्रवाल, डायेक्टर निफ्ट