नासा ने लॉन्च किया मून मिशन, पहली बार महिला भी लगाएगी चांद का चक्कर
फ्लोरिडा। अमेरिकी अंतरिक्ष संस्था नासा ने सोमवार को अपने मून मिशन का ऐलान किया है। 50 साल बाद नासा की तरफ से चार अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजा जाएगा। जो चार अंतरिक्ष यात्री चांद पर जाएंगे उनमें क्रिस्टीना कोच मिशन के लिए नियुक्त पहली महिला जबकि विक्टर ग्लोवर पहले अश्वेत अंतरिक्ष यात्री होंगे। यह मिशन साल 2024 के अंत में या 2025 की शुरूआत में लॉन्च होगा। ये अंतरिक्ष यात्री रीड विस्मैन और जेरेमी हैनसेन के साथ रवाना होंगे। ये अंतरिक्ष यात्री चांद पर उतरेंगे नहीं लेकिन यह मिशन आने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के लिए लैंडिंग का रास्ता आसान कर सकेगा। ह्यूस्टन, टेक्सास में एक समारोह के दौरान नासा ने चारों अंतरिक्ष यात्रियों को सबके सामने पेश किया। इनमें से तीन अंतरिक्ष यात्री अमेरिकी नागरिक हैं तो एक कनाडा के हैं। मिशन के लिए खुद को तैयार करने के लिए ये अंतरिक्ष यात्री अब कठिन ट्रेनिंग की शुरूआत करेंगे। एक महिला और अश्वेत अंतरिक्ष यात्री के चयन के बाद नासा अपने अन्वेषण प्रयासों में और ज्यादा विविधता लाने के अपने वादे को पूरा कर रही है।
रिकॉर्ड रच चुकी हैं क्रिस्टीना
चांद पर जाने वाली पहली महिला अंतरिक्ष यात्री 44 साल की क्रिस्टीना कोच एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं। वह 328 दिनों तक अंतरिक्ष में रह चुकी हैं यह किसी महिला द्वारा लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने का रिकॉर्ड है। नासा की एक और अंतरिक्ष यात्री जेसिका मीर के साथ उन्होंने अक्टूबर 2019 में पहली आल- फीमेल स्पेसवॉक में भाग लिया। 47 साल के जेरेमी हैन्सन कनाडा के रहने वाले हैं।
नेवी पायलट भी हिस्सा
नासा के इस अभियान में शामिल 47 साल के रीड वाइसमैन यूएस नेवी में पायलट हैं। वे कुछ समय के लिए नासा के अंतरिक्ष यात्री आफिस के प्रमुख के तौर पर भी तैनात रहे हैं। साल 2015 में वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक मिशन पर जा चुके हैं। 46 साल के विक्टर ग्लोबर भी यूएस नेवी में हैं और एक ट्रेनी पायलट के तौर पर हैं। साल 2013 में वह 2013 में नासा में शामिल हुए।