नासा ने खोज निकाला वह स्थान, जहां रूस का लूना 25 हुआ था क्रैश, चांद पर बन गया 10 मीटर गड्ढा
वाशिंगटन। रूस ने भारत के चंद्रयान- 3 के बाद अपने लूना-25 मून मिशन को लॉन्च किया था। रूस अंतरिक्ष में भारत से पहले पहुंचना चाहता था, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया और लूना 25 चंद्रमा की सतह पर सॉμट लैंडिंग के दौरान क्रैश हो गया। अब अमेरिकी स्पेस कंपनी नासा ने उस जगह को खोज निकाला है, जहां रूस का लूना 25 क्रैश हुआ था। नासा ने गुरुवार को घोषणा की कि उसके लूनर रिकॉनिसेंस आॅर्बिटर (एलआरओ) अंतरिक्ष यान ने लगभग 33 फीट (10 मीटर) चौड़ा गड्ढा देखा है, जो रूस के लूनर मिशन लूना-25 का मलबा हो सकता है। बता दें कि लूना-25 स्पेसक्राμट बीते 19 अगस्त को क्रैश हुआ था। नासा के अनुसार संभवत: जहां रूस का लूना- 25 क्रैश हुआ हुआ था, वहां एक बड़ा क्रेटर बन गया है।
सल्फर और अन्य तत्वों की खोज से रहस्यों से उठेगा पर्दा
इधर वैज्ञानिकों का कहना है कि चंद्रयान-3 मिशन ने परीक्षणों के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में सल्फर की मौजूदगी को प्रमाणित किया है। यह ऐसी पहली खोज है, जो चंद्रमा की उत्पत्ति का सुराग दे सकती है और अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए भी इसका गहरा महत्व है। प्रज्ञान रोवर के लिए सॉμटवेयर विकसित करने वाले आकाश सिन्हा ने कहा, चंद्रमा पर पाए जाने वाले तत्व केवल पृथक यौगिक नहीं हैं। वे ब्रह्मांडीय इतिहास का सुराग देने वाले टाइम कैप्सूल हैं। इस तरह के निष्कर्ष चंद्र अन्वेषण और आवास के लिए संभावित संभावनाएं भी प्रदान करते हैं।