युवाओं की पसंद बन रही माय बाइक एक रुपए प्रति घंटा चुका रहे किराया

युवाओं की पसंद बन रही माय बाइक एक रुपए प्रति घंटा चुका रहे किराया

इंदौर। सेहत के साथ ईंधन की बचत के प्रति युवा जाग्रत होने लगे हैं। वे ऑफिस और अन्य काम में दोपहिया, लोकसेवा वाहनों की अपेक्षा माय बाइक (साइकिल) के उपयोग को प्राथमिकता दे रहे हैं। एक रुपए प्रतिघंटा किराया होने से इसकी मांग लगातार बनी हुई है। पूर्व में 100 स्थानों से 1200 साइकिलें किराए पर चलती थी, अब 110 स्थानों पर 1800 खड़ी रहती है। यह साइकिल इतनी पसंद की जा रही है कि किसी भी स्टैंड पर खड़ी नजर नहीं आती। सभी स्टैंड दिनभर सूने रहते हैं। पर्यावरण को बढ़ावा देने एआईसीटीएसएल ने यह नवाचार किया है।

इसलिए फायदेमंद-शहर के बेतरतीब यातायात से वाहनों का ईंधन अधिक खर्च होता है। कई बार जाम में भी फंसना पड़ता है। साइकिल चलाने वालों को ट्रैफिक से जूझना नहीं पड़ता है।

तफरीह करने वालों की संख्या अधिक

बेहतर स्वास्थ्य के लिए युवा, बुजुर्ग सुबह तफरीह पर निकलते हैं। कुछ योगा, व्यायाम तो कुछ साइकिलिंग करना पसंद करते हैं। तफरीह करने वाले इस साइकिल का अधिक इस्तेमाल कर रहे है।

यह है संख्या

युवा 900, बुजुर्ग 300, महिलाएं 250, बच्चे 100 और युवतियां 250 साइकिलें रोजाना इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ लोग 3 से 4 घंटे तो कुछ 10 घंटे तक साइकिल अपने पास रखते हैं।

दिनोदिन बढ़ रहा ट्रैफिक

शहर में हजारों की संख्या में लोकसेवा वाहन (बस, मैजिक, वैन, ऑटो, ईरिक् शा) दौड़ रहे हैं। इसमें रोजाना लाखों की संख्या में यात्री सफर करते हैं। दो व चार पहिया वाहनों का दबाव भी लगातार बढ़ता जा रहा है। हालत यह बन गई है कि कई मार्गों पर दिनभर वाहन गुत्थम गुत्था होते रहते हैं। इससे वाहन चालकों को ईंधन के साथ समय भी अधिक खर्च करना पड़ता है।

डिमांड बढ़ने से अगले कुछ माह में और करेंगे इजाफा

माय बाइक को बेहतर प्रतिसाद मिल रहा है। 600 साइकिलों की संख्या बढ़ाई गई है। लगातार डिमांड आने से अगले कुछ माह में इनकी संख्या में और इजाफा किया जाएगा। -मनोज पाठक,प्रभारी एआईसीटीएसएल