ग्रीन वेस्ट से कोयले और लकड़ी का फ्यूल बनाएगा नगर निगम
इंदौर। स्वच्छता में छह बार नंबर वन का खिताब हासिल कर चुका शहर अब सातवीं बार तमगा हासिल करने में जुट गया है। सर्वेक्षण की टीम सभी झोनों में भ्रमण कर सफाई, विकास कार्यों व नवाचारों का जायजा ले रही है। यहां की सफाई को लेकर देश-विदेश में प्रतिस्पर्धाएं हो रही हैं, लेकिन इसमें इंदौर ही इतिहास रच रहा है। नवाचारों के क्रम में ग्रीन वेस्ट से सीएनजी के बाद अब कोयला और लकड़ी के फ्यूल तैयार किए जाएंगे। स्मार्ट सिटी का यह प्रोजेक्ट देश में पहला है। इसके टेंडर हो चुके हैं। महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगमायुक्त हर्षिका सिंह के निर्देश पर देवगुराड़िया स्थित ट्रेचिंग ग्राउंड पर कोयला और फ्यूल निर्माण शुरू किया जाना है। शहर में रोजाना 300 टन से अधिक गीला कचरा निकलता है। इसी कचरे से नया प्रयोग किया जाएगा। सीएनजी से निगम की बसें चलाई जाती हैं।
अगले माह शुरू होगा काम
टेंडर इसी सप्ताह खोला जाएगा। अगले माह से फ्यूल बनाए जाएंगे। सभी श्मशानघाटों में कंडे के स्थान पर इन्हें इस्तेमाल किया जाएगा। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट इसके बाद कचरे से बिजली बनाने की योजना पर तेजी से काम करेगा। सात साल पहले तत्कालीन निगमायुक्त मनीष सिंह ने बिजली उत्पादन के लिए ट्रेचिंग ग्राउंड में प्लेटफॉर्म बनाने के निर्देश दिए थे। हालांकि, बिजली को लेकर अभी तक किसी कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई।
कोयले का उपयोग
गीले कचरे से कोयला बनाया जाएगा। यह कोयला सीमेंट व अन्य सामग्री के लिए दिया जाएगा। कोयले का दाम मेयर इन कौंसिल की बैठक में तय किया जाएगा।
लकड़ी के फ्यूल
गीले कचरे से लकड़ी तैयार की जाएगी। लकड़ी को बुरादा में तब्दील करेंगे और बुरादा से ब्लॉक बनाया जाएगा। यह ब्लॉक दाह संस्कार में कंडे के स्थान पर इस्तेमाल किए जाएंगे।
हो चुके हैं टेंडर
कोयले और लकड़ी के फ्यूल तैयार करने टेंडर हो चुके हैं। इस तरह का प्रयोग देश में पहली बार हो रहा है। - महेश शर्मा, अधीक्षण यंत्री, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट