नगर निगम शहर में शुरू करेगा क्लॉथ वेडिंग मशीन

नगर निगम शहर में शुरू करेगा क्लॉथ वेडिंग मशीन

जबलपुर। पॉलीथिन के उपयोग को कम करने तमाम प्रयास अपनाने के बाद अब नगर निगम शहर में 50 जगह क्लॉथ वेडिंग मशीन लगवा सकती है। इसके लिए प्रयास जारी हैं। आने वाले कुछ महीनों में शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में इस तरह की क्लॉथ मशीन लग सकती हैं। कुछ समय पूर्व भाजपा पार्षदों ने पॉलीथिन के बढ़ते प्रयोग को रोकने व जनजागरूकता के लिए निगमाध्यक्ष रिंकू विज व नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल के नेतृत्व में निगमायुक्त स्वप्निल वानखेड़े सहित महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू को ज्ञापन सौंपा था,समझा जाता है कि इसके बाद इस पहल पर ध्यान दिया जा रहा है। क्लॉथ वेडिंग मशीनें लगने से यहां से लोग आ सानी से कपड़ों के थैले कम दाम में प्राप्त कर सकेंगे,जिसके बाद उन्हें पॉलीथिन से सामान ले जाने की जरूरत नहीं रहेगी।

थैला बैंक का प्रयोग भी असफल

नगर निगम ने इसके लिए कुछ स्थानों पर थैला बैंक की पहल भी शुरू की मगर ये चल नहीं पाए। गुलौआ ताल स्थित थैला बैंक खुलने के बाद से ही ताले में कैद है। भंवरताल उद्यान में भी इसे शुरू किया गया था। लोग पॉलीथिन के कुप्रभावों को समझना ही नहीं चाह रहे,कि ये आने वाली पीढ़ी के लिए कितनी घातक साबित हो सकती है। ज्यादातर लोग जब मार्केट जाते हैं तो साथ में थैला ले जाना भूल जाते हैं। एक दशक से अधिक समय हो चुका है जबकि सरकार पॉलीथिन का प्रयोग वर्जित किए हुए है मगर प्रभावी और दांडिक पहल न होने से यह रोक बेअसर साबित हो रही है।

मजबूरी है पॉलीथिन का उपयोग

दुकानदारों का कहना है कि ग्राहक थैला नहीं लाते और छिटपुट सामान लेकर कैरी बैग मांगते हैं। यही वजह है कि हमारे लिए पॉलीथिन रखना मजबूरी है। दरअसल ये बेहद सस्ती होने के कारण चलन से बाहर नहीं हो पा रही हैं,वहीं यदि जूट,कागज या अन्य चीजों से बने बैग महंगे होने के कारण दुकानदार इन्हें नहीं रखते,या ग्राहक से अलग से चार्ज करते हैं,जो ग्राहक को नहीं सुहाता।