अमेरिका में मां को लगेगी वैक्सीन, बच्चे रहेंगे सुरक्षित
गर्भवती महिलाओं के लिए नई वैक्सीन लॉन्च, एफडीए ने दी मंजूरी
वाशिंगटन। अमेरिका ने सोमवार को गर्भवती महिलाओं के लिए टीके को मंजूरी दे दी है। अमेरिका गर्भवती महिलाओं के लिए वैक्सीन को मंजूरी देने वाला पहला देश बन गया है। बता दें, छह महीने से कम उम्र के बच्चों को सांस से जुड़ी बीमारियों से बचाने यह नई वैक्सीन लॉन्च की गई है। ये वैक्सीन 32 से 36 हμते की प्रेग्नेंट महिलाओं को दी जाएगी। ये वैक्सीन उनके पैदा होने वाले बच्चे को रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी) से बचाएगी। इस वायरस के कारण छोटे बच्चों को सांस से जुड़ी बीमारियां होती हैं। कई बार इस बीमारी के चलते बच्चों की मौत तक हो जाती है। फाइजर द्वारा निर्मित वैक्सीन का नाम एब्रीस्वो (अु१८२५ङ्म) है। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने इसे मंजूरी दी है।
7 हजार महिलाओं पर ट्रायल:
एब्रीस्वो वैक्सीन का ट्रायल सात हजार से ज्यादा महिलाओं पर किया है। वैक्सीन की पहली डोज 3600 महिलाओं को दी गई, जबकि बाकी महिलाओं को प्लासबो दिया गया।
टीके के बाद यह दिखा असर:
जिन महिलाओं को वैक्सीन की दी गई, उनके बच्चों में 90 दिन बाद तक सांस से जुड़ी बीमारी का खतरा 81.8% तक कम था, जबकि 6 महीने बाद तक ये खतरा 69.4% तक कम रहा। ट्रायल में वैक्सीन सुरक्षित साबित हुई है। वैक्सीन के कोई गंभीर साइड इफेक्ट्स नहीं हैं। जिन महिलाओं को वैक्सीन लगी, उनमें इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द, मांसपेशियों में दर्द और नजला जैसे साइड इफेक्ट्स नजर आए।
सांस के रोगों से बचाने के लिए वैक्सीन की जरूरत पड़ी
रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी) से किसी भी उम्र के लोग संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन बच्चों खासकर नवजातों के लिए ये गंभीर हो सकता है। इस कारण बच्चों को भर्ती कराने की नौबत आ जाती है और कई बार मौत भी हो जाती है।
हर साल अमेरिका में सांस की बीमारी के चलते 80 हजार बच्चे होते हैं भर्ती
इस वायरस की वजह से सांस से जुड़ी बीमारियां हो सकतीं हैं। वायरस से संक्रमित होने पर μलू जैसे लक्षण ही दिखते हैं, लेकिन कई बार ये लक्षण गंभीर हो सकते हैं। वायरस से नवजातों को सबसे ज्यादा खतरा होता है। आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में सालाना पांच साल से छोटे 80 हजार बच्चों को इस संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है।