5 हजार से ज्यादा शिकायतें, अघोषित बिजली कटौती की मार झेल रहे लोग

5 हजार से ज्यादा शिकायतें, अघोषित बिजली कटौती की मार झेल रहे लोग

जबलपुर। मौसम बिगड़ने के बाद सबसे ज्यादा परेशानियां बिजली गुल की सामने आई हैं। शहरी क्षेत्र के सभी विद्युत केन्द्रों में पहली बार शिकायतों का आंकड़ा 5 हजार को पार कर गया था। कई इलाकों के लोगों को 48 घंटों तक ब्लैक आउट का सामना करना पड़ा। वहीं अभी तक बिजली सुधार के नाम पर बिजली कटौती और पॉवर कट का सामना करना पड़ रहा है। केंट इलाके के सैन्य क्षेत्र से लगे सदर इलाके के नागरिक पिछले 48 घंटे से ब्लैक आउट की स्थिति का सामना कर रहे हैं। खास बात ये है कि शिकायत के बाद भी इन लोगों की सुनवाई नहीं हो रही है।

दो दिनों से लगातार हो रही बारिश और उसके बाद घरों में बिजली न होने से जन-जीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। गौरतलब है कि सदर के रहवासियों ने कई बार 1912 पर कंपलेंट दर्ज कराई। बाकायदा इसके लिए उनका शिकायत नंबर भी जारी किया गया। दूसरी तरफ कुछ ही देर में उनके मोबाइल पर मैसेज आ जाता है कि आपकी शिकायत का निवारण कर दिया गया है। जबकि न तो लाइनमेन बिजली सुधारने आया और न ही क्षेत्र में बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से शुरू हो सकी। इसके पहले पिछले 3 माह से यहां के लोग ट्रिपिंग की समस्या से परेशान रहे।

नहीं उठा फोन

इस संबंध में हमारे प्रतिनिधि ने एई अजय झारिया से फोन पर बात करने की कोशिश की, लेकिन उनका मोबाइल नहीं उठा। वहीं कंपनी द्वारा जारी मोबाइल पर भी उनसे संपर्क नहीं हो पाया। इतना ही नहीं उनके सरकारी नंबर को बदल-बदल कर दूसरे मोबाइलों से लगाते रहे लेकिन किसी की बात नहीं हुई।

ये क्षेत्र हैं प्रभावित

सदर स्थित बर्फ फैक्टरी के पास पोल नम्बर एच/111 से कनेक्ट घरों में बुधवार की रात सवा ग्यारह बजे अचानक अंधेरा छा गया। जिसकी शिकायत सर्वप्रथम 1912 नम्बर पर की गई। जहां से काफी देर तक यही आश्वासन मिला कि जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा। इसके बाद 1912 सहित 0761- 2560223 व 2560231 पर दो दर्जन से अधिक कम्पलेन करने के बावजूद बिजली महकमे के अधिकारी, कर्मचारी अंधेरे को रोशनी में बदलने का आश्वासन दिलाते रहे।

ये हैं पीड़ित परिवार

पीड़ित परिवार की राधा बाई कुरील, शबाना बानो, अनिता बाई, रफीना, सीमा हैदर, मुन्नी बाईपूनम, पूजा आदि ने बताया कि बरसात के दौरान आए दिन जहरीले जीव जन्तु निकल रहे हैं। अंधेरा होने के कारण लोगों की जान पर खतरा बना हुआ है। लोगों को इस बात का मलाल है कि बिजली जाने के दूसरे दिन गुरूवार की शाम दो कर्मचारी आए लेकिन मौके का मुआयना कर वह यह कहकर वापस लौट गए कि कुछ देर बाद वापस आकर सुधार कार्य करेंगे। लोगों का कहना है कि माह में तीन चार बार इस तरह के हालात बन रहे हैं लेकिन फाल्ट का स्थायी समाधान नहीं किया जा रहा है।

लाइनमेन तक असुरक्षित

लोगों ने बताया कि यहां शिकायत केन्द्र में हमेशा लाइनमेन की कमी का बहाना बनाया जाता है। इतना ही नहीं लोगों ने मोबाइलों पर बिजली सुधारते फोटो कैद की। फोटो में स्पष्ट दिख रहा है कि लाइन मेन के पास तक सुरक्षा के साधन उपलब्ध नहीं हैं। प्रेस फोटोग्राफर की मदद ली गई तो पता चला कि लाइन मेन बिना दस्ताने के बिजली सुधारने खंबे पर चढ़ा रहा। ऐसे में कोई घटना हो जाए तो इसका जिम्मेदार कौन होगा, यह समझ से परे हैं।