आयुष्मान कार्ड बनाने जबलपुर संभाग में 1 लाख से अधिक बैगाओं को खोजा
जबलपुर। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लाभ के लिए जरूरी आयुष्मान कार्ड के लिए अब संभाग में पहली प्राथमिकता के आधार पर आदिवासियों को खोजा जा रहा है। साथ ही खोजने के बाद इनके आयुष्मान कार्ड तैयार करने का काम भी किया जा रहा है। संभाग में 1 लाख 24 हजार से अधिक आदिवासियों के आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है इनमें 68 हजार से अधिक आदिवासियों के कार्ड बन चुके है। बताया जाता है कि संभाग के आदिवासी बाहुल्य जिले मंडला 48 हजार 376 आदिवासी है यहां पर 40 हजार 300 से ज्यादा के कार्ड बनाए जा चुके है। आदिवासी बाहुल्य जिले में मंडला ऐसा जिला है जहां सबसे अधिक आदिवासी है। वहीं डिंडौरी जिले में 24 हजार से अधिक का लक्ष्य रखा गय है लेकिन यहां पर सिर्फ 15 फीसदी ही आदिवासियों के कार्ड बने है।
दो विभाग मिलकर कर रहे काम, रोज हो रही मॉनीटरिंग
आदिवासियों के आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए पहले ट्रायबल विभाग से सर्वे कराया गया है इस सर्वे के बाद स्वास्थ्य विभाग को आयुष्मान कार्ड बनाने की जिम्मेदारी दी है। इस काम की मॉनीटरिंग सीधे भोपाल मुख्यालय से की जा रही है। लिहाजा अधिकारी हर जिले से डेली आयुष्मान कार्ड रिपोर्ट बुला रहे है।
शासन के निर्देशानुसार पहली प्राथमिकता पर संभाग के सभी जिलों में निवास कर रहे आदिवासियों के आयुष्मान कार्ड बनाने का काम किया जा रहा है। जो जिले लक्ष्य से पीछे है उनकी समीक्षा कर कार्ड बनाने के काम को तेज करने के संबंध में संबंधिक अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। जबलपुर मुख्यालय में 90 फीसदी तक कार्ड बनाने का काम पूरा कर लिया गया है। डॉ. संजय मिश्रा,रीजनल हेल्थ डायरेक्टर जबलपुर संभाग