यूएई में मोदी करेंगे पहले हिन्दू मंदिर का उद्घाटन
स्वामी नारायण मंदिर को राजस्थान और गुजरात के 2 हजार कारीगरों ने मिलकर किया तैयार
अबू धाबी। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अबू धाबी में पहला हिंदू मंदिर बनकर तैयार है। बीएपीएस द्वारा निर्मित यह मंदिर विराट और भव्य है। मंदिर का उद्घाटन 14 फरवरी को पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे। बता दें, मंदिर का उद्घाटन करने मोदी मंगलवार को यूएई पहुंच गए हैं। अबू धाबी में बने इस मंदिर का नाम बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) हिंदू मंदिर है, जो दुबई-अबू धाबी शेख जायेद हाइवे पर अल रहबा के समीप बना है। मंदिर को 3 साल के दौरान राजस्थान और गुजरात के दो हजार से ज्यादा कारीगरों ने मिलकर तैयार किया है। मंदिर की नींव में 100 सेंसर और पूरे क्षेत्र में 350 से ज्यादा सेंसर हैं, जो तापमान, भूकंप और दबाव से जुड़े डेटा देते हैं।
ये हैं विशेषताएं
जयशंकर समेत 50 हजार लोगों ने रखीं ईटे : मंदिर के निर्माण में 50,000 से अधिक लोगों ने ईटे रखी हैं, जिसमें भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से लेकर अभिनेता संजय दत्त और अक्षय कुमार समेत कई हस्तियां शामिल हैं। 700 करोड़ रुपए में हुआ तैयार : मंदिर 700 करोड़ रु. की लागत से 27 एकड़ जमीन पर बनाया गया है, जिसमें 13.5 एकड़ में मंदिर का हिस्सा है और 13.5 एकड़ में पार्किंग एरिया है। मंदिर की ऊंचाई 108 फीट व लंबाई 262 फीट है। मंदिर में स्टील-लोहे का नहीं किया प्रयोग : मंदिर में लोहे और स्टील का प्रयोग नहीं किया है। इंटरलॉकिंग टेक्नोलॉजी से मंदिर का निर्माण हुआ है, हजारों साल तक इस मंदिर की मजबूती यूं ही बनी रहेगी।
लाल बलुआ पत्थर का इस्तेमाल
मंदिर का नाम बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) हिंदू मंदिर है। मंदिर का डिजाइन वैदिक वास्तुकला का उदाहरण हैं। इस अक्षरधाम मंदिर की कई मूर्तियां और नक्काशी भारत के कारीगरों द्वारा बनाकर अबू धाबी भेजी गई हैं। मंदिर का निर्माण जयपुर के पिंक सैंड स्टोन (लाल बलुआ पत्थर) से हुआ है। यह वही पत्थर है, जिससे अयोध्या में मंदिर बनाया गया।
- भारतीय संस्कृति को दर्शाया गया
- मंदिर के मध्य खंड में स्वामी नारायण के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी।
- मंदिर में देश के प्रत्येक अमीरात का प्रतिनिधित्व करने वाली 7 मीनारें हैं।
- संगमरमर से बने मंदिर के स्तंभ में अद्भुत शिल्पकारी की गई है।
- हर स्तंभ पर हनुमान जी, राम जी, सीता जी, गणेश जी की प्रतिमा उकेरी गई है। भारतीय संस्कृति को दर्शाया गया है। मंदिर के बाहरी स्तंभों पर सीता स्वयंवर, राम वनगमन, कृष्ण लीलाएं आदि शामिल हैं।