बच्चों को ठगने भ्रामक विज्ञापन:नीलम पहनो, बनो कलेक्टर
ग्वालियर। सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड पर भ्रामक विज्ञापनों के मामले में जनता से धोखा करने पर जुर्माना कर फटकार लगाई है, लेकिन शहर के सराफा कारोबारी गुलाबचंद रमेशचंद्र ज्वेलर्स ने नीलम नग पहनकर कलेक्टर बनने जैसा भ्रामक विज्ञापन का होर्डिंग लगाया है। जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं को ठगा जा सके। माधव नगर एजी ऑफिस पुल के कोने पर सराफा कारोबारी गुलाबचंद रमेशचंद्र ज्वेलर्स ने अपने मोबाइल नंबर सहित राशि के अनुरूप असली नग उचित रेट पर मिलने का होर्डिंग लगाया है और उन नगों को खरीदने के लिए किसी योगी से युवक द्वारा फोटो में कहा जा रहा है कि योगी जी मुझे कलेक्टर बनना है, क्या करूं, जिस पर योगी जी कह रहे हैं कि बालक तुम नीलम नग पहन लो, कलेक्टर बन जाओगे। ऐसा भ्रामक प्रचार होर्डिंग लगाकर खुले रूप से किया जा रहा है, जिसमें नगों के नाम लिखे गए हैं। अहम बात यह है कि इस भ्रामक प्रचार को लेकर दिन भर मौके से निकलने वाले जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कोई भी सुध नहीं ली है।
सुप्रीम कोर्ट ने की थी तल्ख टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए तल्ख टिप्पणी कर साफ किया था कि हम जनता को धोखा देने की अनुमति नहीं दे सकते, अगर ऐसा (भ्रामक विज्ञापन) हो रहा है, तो भारत सरकार को खुद सक्रिय करने की जरूरत है और राज्य के लाइसेंस अधिकारियों को भी ऐसा करना होगा। इसके बाद सरकारों ने कई लोगों पर कार्रवाई की है।
नग पहनने से कोई भी अधिकारी नही बनता , उसके लिए खुद की स्किल डवलपमेंट व योग्यता को सिद्ध करना होता है। तभी कहीं किसी मंजिल तक पहुंचा जा सकता है। डॉ . जगमोहन द्विवेदी,कोचिंग संचालक
भ्रामक विज्ञापन पूरी तरह से गलत है, इसको तत्काल हटवाने के लिए अधीनस्थों को निर्देशित कर रहा हूं। हर्ष सिंह,निगमायुक्त, ग्वालियर
मैंने कभी कोई नग नहीं पहना और मैं कभी कोई नग पहनकर कुछ नहीं बनी। रूचिका चौहान,कलेक्टर, ग्वालियर