प्लेटफॉर्म पर भीख मांगने समेत छोटे अपराधों पर अब नहीं होगी जेल, लगेगा सिर्फ जुर्माना
नई दिल्ली। लोकसभा ने गुरुवार को जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2022 पारित कर दिया। विधेयक में कई क्षेत्रों में 42 कानूनों से संबंधित कई जुर्माने को दंड में बदलने का प्रावधान है। सजा देने के लिए अदालती अभियोजन आवश्यक नहीं होगा, कई अपराधों के लिए सजा के रूप में कारावास भी हटा दिया जाएगा। केंद्र द्वारा 19 मंत्रालयों को 42 कानूनों में पुराने प्रावधानों को हटाने के लिए कहने के बाद यह कानून पारित किया गया था। बिल को लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा। सरकार इसी मानसून सत्र में इसे पारित करना चाहती है। बता दें, रेलवे प्लेटफॉर्म पर भीख मांगना अपराध है, इसके लिए छह महीने तक सजा हो सकती है, लेकिन अब नए बिल में सिर्फ जुर्माना लगाकर छोड़ने की सिफारिश की गई है। संसदीय समिति ने बिल के जरिए 19 मंत्रालयों से जुड़े करीब 42 अधिनियमों के 183 प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव दिया था, जिनमें वित्त मंत्रालय से लेकर सड़क परिवहन, कृषि, सूचना एवं प्रौद्योगिकी और अन्य कई मंत्रालय शामिल हैं। इन मंत्रालयों के तहत आने वाले कई अपराधों को अपराध की श्रेणी से हटाकर जुर्माने तक सीमित कर दिया जाएगा। इससे कोर्ट-कचहरी के झंझट से मुक्ति मिलेगी। वहीं बिजनेस करना भी आसान हो जाएगा।
यह है प्रावधान
- बिल में कृषि उत्पाद (ग्रेडिंग और मार्किंग) एक्ट, 1937 में भी बदलाव की सिफारिश है। अभी जाली ग्रेड डेजिग्नेशन मार्क बनाने पर तीन साल तक की सजा और 5 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन बिल में सजा का प्रावधान हटाकर 8 लाख रुपए तक फाइन का प्रस्ताव है।
- सूचना प्रौद्योगिकी एक्ट, 2000 के तहत कानूनी अनुबंध का उल्लंघन करते हुए व्यक्तिगत सूचना का खुलासा करने पर 3 साल तक की कैद या 5 लाख रु. जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। लेकिन बिल में इसे 25 लाख रु. तक फाइन में बदलने का प्रावधान है।
- पेटेंट्स एक्ट, 1970 में भी जुर्माना बढ़ाकर अपराधमुक्त माना जाएगा। पेटेंट्स एक्ट के उल्लंघन पर 10 लाख रुपए तक जुर्माना बढ़ाने का प्रस्ताव है।
फिल्म की पायरेसी पर 3 साल की जेल, लगेगा भारी जुर्माना
फिल्म पायरेसी के लिए नया कानून बन गया है, जिसके तहत अगर कोई व्यक्ति फिल्म की पायरेसी करते हुए पकड़ा जाता है तो उसे 3 साल की जेल होगी। साथ ही जिस बजट में फिल्म बनी है, उसका 5% जुर्माना भी भरना पड़ेगा। राज्यसभा में सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952 अमेंडमेंट बिल पास किया गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया फिल्म की पायरेसी से फिल्म इंडस्ट्री को हर साल 20 हजार करोड़ का नुकसान होता है, जिससे बचने नया बिल लाया गया है। बिल में कुछ नई कैटेगरी जैसे यूए 7+, यूए 13+ और यूए 16 को शामिल किया गया है। अब फिल्मों को यूए सर्टिफिकेशन के तहत 7 साल, 13 साल और 16 साल के दर्शक वर्ग के लिए अलग-अलग सर्टिफाइड किया जाएगा।