मेडिकल टीचर अब 30 की जगह 15 साल में बन सकेंगे प्रोफेसर

चिकित्सक महासम्मेलन में सीएम ने डॉक्टरों की सभी मांगें पूरी करने की घोषणा की

मेडिकल टीचर अब 30 की जगह 15 साल में बन सकेंगे प्रोफेसर

भोपाल। मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सकों को अब 5, 10 और 15 साल के बाद प्रमोशन का लाभ मिल सकेगा। अभी तक 8, 16 और 30 वर्ष में प्रमोशन दिया जाता रहा है। यह व्यवस्था लागू होने के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर भर्ती हुए चिकित्सक 15 वर्ष में प्रमोशन पाकर प्रोफेसर बन जाएंगे। वहीं स्वास्थ्य, गैस राहत और अन्य विभागों के संविदा डॉक्टरों को नियमित चिकित्सकों के समान लाभ और भत्ते दिए जाएंगे। यह घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को गांधी मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक महासम्मेलन में की। उन्होंने हमीदिया अस्पताल के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग का शुभारंभ भी किया। सीएम ने प्रदेश के 15 हजार से ज्यादा डॉक्टरों की सबसे बड़ी मांग डायनामिक एश्योर्ड कॅरियर प्रोग्राम (डीएसीपी) स्कीम लागू करने के साथ अन्य मांगों को पूरा करने की घोषणा भी की। डीएसीपी स्कीम लागू करने वाला मप्र, देश का छठवां राज्य होगा। सम्मेलन में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ भी शामिल हुआ। यहां सीएम ने निजी क्षेत्र के डॉक्टर्स के लिए भी कई घोषणाएं कीं। इसमें निजी नर्सिंग होम को कई तरह के टैक्स से छूट, आबादी वाले हिस्से में निर्माण की अनुमति, पार्किंग की शर्तों में छूट और बिल्डिंग निर्माण के समय एफएआर में छूट आदि शामिल है।

सीट लिविंग बॉन्ड की राशि 30 लाख रु. से कम होगी

मुख्यमंत्री ने जूनियर डॉक्टरों को राहत देते हुए पीजी काउंसलिंग के दौरान सीट लिविंग बॉड की राशि को 30 लाख रुपए से कम करने की घोषणा की है। मालूम हो कि पीजी के दौरान छात्रों को 30 लाख रुपए का बॉन्ड भरना होता है। सीट छोड़ने पर यह राशि छात्रों को जमा करनी पड़ती है। जूनियर डॉक्टर लंबे समय से इसका विरोध कर रहे थे।

यह मांगें भी मानी गईं 

  • सातवां वेतनमान : चिकित्सा शिक्षा विभाग के चिकित्सकों को 2016 से सातवें वेतनमान का लाभ मिलेगा। अब तक उन्हे 2018 से लाभ दिया जा रहा था। 
  • तृतीय वेतनमान : चिकित्सा शिक्षा के मेडिकल आॅफिसर, डेमॉन्ंस्ट्रेटर व ट्यूटर को 30 की जगह 15 साल में ही तृतीय वेतनमान का लाभ मिलेगा।
  • एनपीए : प्रेक्टिस नहीं करने वाले डॉक्टरों को नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस को नए सिरे से लागू किया जाएगा। 
  • सातवें वेतनमान में शामिल : चिकित्सा शिक्षा के असि. प्रोफेसर को सातवें वेतनमान का लाभ नहीं मिलता था, अब इन्हें भी यह लाभ मिलेगा।

डीएसीपी सहित अन्य मांगें हम सरकार से लंबे समय से कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने हमारी मांग पूरी कर दी है। प्रदेश के सभी 15 हजार चिकित्सक और उनके परिवार मुख्यमंत्री के आभारी हैं। - डॉ. राकेश मालवीय, मुख्य संयोजक, स्वशासी चिकित्सक महासंघ