आशा और उषा की अनिश्चितकालीन हड़ताल से प्रभावित हो रहा खसरा और रूबेला टीकाकरण
इंदौर। शहर में खसरा का प्रकोप जारी है। अभी तक 51 बच्चे खसरा पॉजिटिव मिले हैं। खसरा को रोकने के लिए जिले में इस समय मीजल्स रूबेला निर्मूलन टीकाकरण अभियान चल रहा है, वहीं आशा-उषा कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई हैं। इसके चलते टीकाकरण प्रभावित हो रहा है। हालांकि इस बात को अधिकारी भी मान रहे हैं कि आशा- उषा कार्यकर्ताओं के हड़ताल पर जाने से टीकाकरण प्रभावित होगा। उन्होंने बताया कि फिर भी हम आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका की मदद लेकर लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास करेंगे।
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठी आशा-उषा आशा सहयोगी एकता यूनियन मप्र सीटू कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस हड़ताल में इंदौर में 800 से अधिक कार्यकर्ता शामिल हैं। इनके हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य विभाग की कई योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। खासकर खसरा और रूबेला के लिए चलाया जा रहा विशेष टीकाकरण अभियान है। पूर्व में की गई हड़ताल का परिणाम अब देखने को मिल रहा है, जिसके चलते पूर्ण टीकाकरण नहीं हो पाया।
कई बच्चे टीकाकरण में छूट गए थे, क्योंकि वार्ड में हर बच्च्चे की जानकारी आशा-उषा कार्यकर्ता के पास रहती है। सीटू प्रदेश अध्यक्ष कविता सोलंकी का कहना है कि जब 24 जून 2021 में मिशन संचालक द्वारा घोषणा की थी, इस प्रस्ताव को सरकार के समक्ष रखेंगे, लेकिन तीन साल हो चुके हैं, कोई निर्णय अब तक नहीं लिया है। पूर्व में की गई घोषणा के अनुसार कार्यकर्ता को 10 हजार एवं पर्यवेक्षक को 15 हजार एवं नियमितीकरण की मांग पूरी नहीं होती तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। 21 मार्च को पूरे प्रदेश में संयुक्त मोर्चा द्वारा काला दिवस एवं 23 मार्च को संकल्प दिवस मनाया जाएगा।
जिले में अब तक 13 हजार बच्चों को खसरा का टीका लग चुका है। जनसंख्या के अनुसार 30 हजार का अनुमान लगाया गया है। आशा-उषा कार्यकर्ता के हड़ताल पर जाने से टीकाकरण कार्यक्रम प्रभावित होगा, लेकिन एएनएम और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के सहयोग से टीकाकरण किया जाएगा। -डॉ. तरुण गुप्ता, नोडल टीकाकरण अधिकारी