मथुरा नगरी बनी संस्कारधानी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व की धूम

मथुरा नगरी बनी संस्कारधानी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व की धूम

जबलपुर। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व के आयोजन 6 सितंबर से शुरू हो गए हैं। मंदिरों में की गई आकर्षक सजावट से संस्कारधानी मथुरा नगरी में तब्दील होती नजर आ रही है। जन्माष्टमी पर्व को लेकर बाजार में भी चहल-पहल बढ़ी है और लाडू गोपाल के परिधान, श्रृंगार और झूले से सजी दुकानें बरबस ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर 7 सितंबर को अखिल भारती वर्षीय यादव महासभा के नेतृत्व में पुराने बस स्टैंड से शोभायात्रा निकाली जाएगी।

उल्लेखनीय है कि भाद्रपद मास की अष्टमी यानि भगवान श्रीकृष्ण के प्राक्ट्योत्सव की तिथि पर आज से ही महोत्सव का शुभारंभ हो गया है। हालांकि तिथि को लेकर दो मत बताए जा रहे हैं। इसके चलते बुधवार से उत्सवी माहौल नजर आने लगा है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक बुधवार दोपहर साढ़े तीन बजे के बाद अष्टमी तिथि लग रही है, लेकिन उदया तिथि के चलते अधिकतर श्रद्धालु 7 सितंबर को ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाएंगे। इसमें खास तौर पर मथुरा-वृंदावन और गोकुलधाम में जब जन्माष्टमी मनाई जाएगी उसको आधार लिया जा रहा है।

इन मंदिरों में शुरू हुए आयोजन

इस क्रम में प्रेम मंदिर राईट टाउन, सनातन धर्म महासभा मंदिर, मां बगलामुखी मंदिर सिविक सेंटर, श्रीराम मंदिर, कछपुरा पुष्प मंदिर पचमठा मंदिर गढ़ा में विभिन्न अनुष्ठान्न और आयोजन नियोजन का क्रम शुरु हो गया है। इसी उधर बाजारों में भगवान श्रीकृष्ण के वस्त्र, ताव आदि खीरा-ककड़ी, माखन-मिश्री के भोग इत्यादि पूजन सामग्री की देर रात तक खरीदी चलती रही।

वृंदावन धाम से पूजित मोर पंख का वितरण

हरे कृष्णा आश्रम भेड़ाघाट आश्रम संस्थापक रामचंद्र दास महाराज के सानिध्य में 7 सितंबर को शाम 4 बजे से भगवान राधा-कृष्ण का 11 फलों के रस से अभिषेक होगा। भक्तों को वृंदावन धाम से आए पूजित मोर पंख का प्रसाद स्वरूप निशुल्क वितरण होगा। डॉ. सुधीर अग्रवाल ने बताया कि आश्रम में मटकी फोड़ प्रतियोगिता के साथ भोजन प्रसादी महाप्रसाद का आयोजन किया गया है।