खरगोन में सामूहिक नकल, 5 गेस्ट टीचर टर्मिनेट, 17 शिक्षक सस्पेंड हुए
खरगोन। मप्र में खरगोन जिले के सिरवेल परीक्षा केंद्र पर सामूहिक नकल के मामले में कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने गुरुवार को 17 शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया, जबकि पांच अतिथि शिक्षकों को पद से हटाने के आदेश जारी किए हैं। सहायक आयुक्त प्रशांत आर्य ने बताया कि 7 मार्च को सिरवेल सेंटर पर कक्षा 10वीं के सामाजिक विज्ञान की परीक्षा थी। इस दौरान जब जांच दल पहुंचा तो उसे सेंटर और उसके आसपास की गतिविधि संदिग्ध मिली। पर्चियों में लिखे मिले प्रश्नों के उत्तर आर्य के अनुसार, सेंटर के पास एक सुनसान मकान में कुल 9 व्यक्ति कक्षा 10वीं के सामाजिक विज्ञान का पेपर लाकर गाइड के पन्नों को फाड़ रहे थे। साथ ही कार्बन पेपर लगाकर हैंड राइटिंग में आॅब्जेक्टिव प्रश्नों के उत्तर लिख रहे थे। दल को देखकर उन्होंने नकल सामग्री को छुपाने का प्रयास किया गया, लेकिन दल ने इनके पास से लिखित दस्तावेज परीक्षा का पेपर, फटे हुए उत्तर और लिखे हुए आॅब्जेक्टिव प्रश्नों के उत्तर की कापियां, 4 मोबाइल से फोटो खीचे गए प्रश्न-पत्र और अन्य वस्तुएं जब्त की थीं।
बैतूल में 22 सस्पेंड, 2 की सेवाएं समाप्त करने का प्रस्ताव
बैतूल में भी मंगलवार को हायर सेकेंडरी की परीक्षा के दौरान सामूहिक नकल के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई। यहां 22 लोगों को सस्पेंड कर दिया गया है, जबकि दो की सेवाए समाप्त करने के प्रस्ताव तैयार किए गए है। मामला प्रभुढाना स्कूल का है। एडीपीसी सुबोध शर्मा ने बताया कि सोमवार को आयोजित हायर सेकेंडरी की भौतिक शास्त्र, अर्थशास्त्र एवं अन्य वैकल्पिक विषयों की परीक्षा के दौरान μलाइंग स्क्वॉड ने शासकीय उमावि प्रभुढाना स्थित परीक्षा केंद्र का निरीक्षण किया। इस दौरान शिक्षकों एवं चपरासियों द्वारा नकल सामग्री बनाने और परीक्षार्थियों को अनुचित लाभ पहुंचाते पाया गया था।
मुरैना में 10 साल पहले 6 शिक्षक हुए थे सस्पेंड
मुरैना और भिंड जिले में दस साल पहले तक शिक्षा माफिया एमपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में सामूहिक नकल कराते थे। वर्ष 2012-13 में तत्कालीन कलेक्टर ने बड़ी कार्रवाई कर इन पर नकेल कसी। पॉलिटेक्निक परीक्षा सेंटर एवं बामौर परीक्षा सेंटर में सामूहिक नकल के आरोप में कलेक्टर ने केन्द्राध्यक्ष भूरीसिंह चौहान और 6 शिक्षकों को सस्पेंड किया था। तब से परीक्षाओं के दौरान कोचिंग संचालकों और शिक्षा माफियों को नजरबंद कर दिया जाता है।
एमपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं विद्यार्थियों का भविष्य निर्धारण करती हैं। सामूहिक नकल कराकर शिक्षक अपने पेशे को बदनाम कर रहे हैं। ऐसे शिक्षक दया के बजाय दंड के अधिकारी हैं। अभी खरगोन और बैतूल में कार्रवाई हुई है। इस तरह की सस्पेंशन की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। - इंदरसिंह परमार, राज्यमंत्री, स्कूल शिक्षा विभाग