नई सरकार से कई नेताओं के मन में फूटा लड्डू, मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष बनने की चाह में प्रयास किए शुरू

नई सरकार से कई नेताओं के मन में फूटा लड्डू, मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष बनने की चाह में प्रयास किए शुरू

ग्वालियर। प्रदेश में नई सरकार के चयन के बाद अब शहर में चर्चा तेज हो गई है कि इस बार मेला प्राधिकरण को कोई पॉलिटिकल अध्यक्ष मिल सकता है। तीन सालों से मेले का संचालन प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। हाल ही में प्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं, इसलिए कुछ नेताओं के मन में मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष बनने का लड्डू फूट रहा है, ऐसे लोगों को उम्मीद जग गई है कि उन्हें मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल सकती है। हालांकि इसको लेकर कुछ नेताओं ने प्रयास तेज कर दिए हैं और आला नेताओं के सामने अपनी-अपनी दावेदारी पेश की जा रही है, ऐसे में जो लोग चुनाव मैदान में नहीं उतरे और उन्होंने पार्टी की जीत के लिए कार्य किया है, ऐसे किसी को मेले की कमान मिल सकती है। सबके अपने- अपने दावे हैं ऐसे में देखना यह है कि मेला अध्यक्ष बनने के सपने संजोने वालों का सपना कब तक पूरा हो सकता है। हालांकि मेला शुरू होने में अभी पूरे 20 दिन बाकी हैं, लेकिन प्राधिकरण के पदाधिकारी मेले की तिथि फाइनल कर चुके हैं कि मेला 25 दिसंबर से ही लगेगा और मेले की तैयारियां पहले से काफी तेज हो गई हैं।

2000 में आखिरी अध्यक्ष थे गंगवाल

मेला संचालन के सभी फैसले मेला प्राधिकरण के सचिव द्वारा लिए जा रहे हैं और आखिरी मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष की बात की जाए तो कांग्रेस की सरकार के समय प्रशांत गंगवाल आखिरी अध्यक्ष थे। इसके बाद से कोई अध्यक्ष नहीं बनाया गया है और प्राधिकरण एवं प्रशासनिक अधिकारी मेले को लेकर फैसला ले रहे हैं।

150 से 1500 करोड़ तक पहुंचा व्यापार

मेले के कारोबार में ऑटोमोबाइल सेक्टर का महत्वपूर्ण स्थान रहता है, यही वजह है वाहनों की छूट मिलने की वजह से यह कारोबार 1500 करोड़ गत वर्ष पहुंचा था। साल 2002-03 के बाद सेल्स टैक्स की छूट बंद होने की वजह से मेले में ऑटोमोबाइल सेक्टर लगना बंद हो गया था और फिर 2008 में तत्कालीन बीजेपी सरकार ने रोड टैक्स में 50 प्रतिशत की छूट दी, तो ऑटोमोबाइल क्षेत्र के व्यापारी मेले में पहुंचे थे, लेकिन उसके बाद सरकार ने यह छूट बंद कर दी थी। इस वजह से मेले में ऑटोमोबाइल सेक्टर लगना फिर बंद हो गया था। ऐसा होने पर मेले का व्यापार 100 से 150 करोड़ रुपए पर सिमट गया। जिसके बाद वर्ष 2019 में मेले में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार में वर्ष 2019 से वाहनों की खरीद पर रोड टैक्स में 50 फीसदी की छूट मिली, जिसके बाद मेले का कारोबार बढ़कर 500 करोड़ के पार पहुंच गया। इसके बाद से लगातार छूट मिल रही है और व्यापार के हर साल नए रिकार्ड कायम हो रहे हैं।

मेले की तैयारी तेज हो गई है, 25 दिसंबर से मेला हर हाल में प्रारंभ होगा। हमारा काम मेले की तैयारियां पूर्ण करना है। अध्यक्ष चुनने का फैसला सरकार द्वारा की जाती है। उम्मीद है कि इस बार भी मेले में वाहनों की खरीद पर छूट मिलेगी। निरंजन लाल श्रीवास्तव, सचिव मेला प्राधिकरण