महामारी प्रबंधन पर की नॉलेज शेयरिंग इंदौर के प्रबंधन की दल ने की सराहना
इंदौर। महामारी कोरोना प्रबंधन की वैज्ञानिक रीति-नीति को बढ़ावा देने और इसके बेहतर प्रबंधन को लेकर विचारों का आदान-प्रदान के उद्देश्य से यूएसएआईडी द्वारा वित्त पोषित 'द कोवेलेक्स इनिशिएटिव' के प्रतिनिधि इंदौर पहुंचे। दो दिवसीय प्रवास पर पहुंचे दल में केन्या के डॉ. जूडिथ, डॉ. मेरीबेय और डॉ. जेम्स शामिल थे। तीनों ने मंगलवार को प्रशासनिक संकुल पहुंचकर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी से मुलाकात की। इस दौरान यहां महामारी प्रबंधन और लोक स्वास्थ्य के मद्देनजर व्यावहारिक चुनौतियों पर परस्पर चर्चा की।
दल ने महामारी प्रबंधन का लिया जायजा- दल ने यहां स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों से मुलाक़ात करने के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खजराना, मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक नायता मुंडला का भ्रमण भी किया। यहां पर शहरी स्वास्थ्य केन्द्र की कार्य प्रणाली, एप्प पर आधारित सेवाओं, आशा कार्यकर्ता की कार्य प्रणाली, महिला आरोग्य समिति की भूमिका को जाना। दल ने इस दौरान, डब्ल्यूएचओ, पीएसआई तथा नीति आयोग के प्रतिनिधियों तथा केन्या के प्रतिनिधि मंडल ने स्वास्थ्य संबंधित व्यवहार तथा ज्ञान का आदान-प्रदान किया। दल ने इंदौर की शहरी स्वास्थ्य संस्थाओं कोविड-19 की रणनीति एवं कोविड संक्रमण के सर्वाधिक रक्षात्मक उपाय, कोविड वैक्सीनेशन पर इंदौर जिले के प्रस्तुतीकरण को सराहा।
कोरोना महामारी के वैक्सीनेशन से कराया अवगत
डॉ. तरुण गुप्ता ने दल के प्रतिनिधियों को कोविड वैक्सीनेशन की सफलता की कहानी बताई। इस दौरान उन्होंने बताया कि इन्दौर जिले में 34 लाख 62 हजार 820 प्रथम डोज एवं 31 लाख 96 हजार 204 द्वितीय तथा 5 लाख 7 हजार 796 प्रीकॉशन डोज लगाए गए हैं। इन्दौर ने 21 जून को सर्वाधिक डोज लगाकर देश में प्रथम स्थान भी प्राप्त किया है। इस लक्ष्य को पाने के लिए एक मजबूत कार्यप्रणाली बनाई गई, जिसमें टीकों की उपलब्धता, कोल्ड चेन, मानवीय संसाधन, आईईसी तथा आम जनता की सुलभ पहुंच तक बनाए गए वैक्सीन सेंटर शामिल हैं।
- 'द कोवेलेक्स इनिशिएटिव ' के तहत भारत के इंदौर सहित पांच नगरों अहमदाबाद, भुवनेश्वर, दिल्ली और मुंबई को चुना गया है।
- इसके साथ 10 देशों नेपाल, वियतनाम, कंबोडिया, बांग्लादेश, साउथ अफ्रीका, नाइजीरिया, इथोपिया, मलाबी, युगांडा एवं केन्या की सहभागिता है।
- दल ने यहां कोविड कंट्रोल रूम, कोविड केयर सेंटर, मोबाईल टीम, आरआरटी, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, सैंपलिंग, डॉक्टरों की टीम, क्वारंटाइन सेंटर, होम आईसोलेशन, एंबुलेंस, लिक्विड ऑक्सीजन, पब्लिक हेल्थ गाईड लाईन, आईईसी, जिला आपदा प्रबंधन समिति आदि की कार्यशैली को देखा।